Adani-Hindenburg Saga: एसबीआई के तिमाही नतीजों की घोषणा के मौके पर खारा ने बताया कि अडानी ग्रुप के प्रोजेक्ट को कर्ज देते समय फिजिकल एसेट और कैश फ्लो का ध्यान रखा गया है.
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State Bank of India: अडानी ग्रुप के शेयरों पर गहरा रहे संकट बीच सबसे बड़े सरकारी बैंक एसबीआई (SBI) के चेयरमैन का बयान आया है. एसबीआई की तरफ से बताया गया कि अडानी ग्रुप की कंपनियों को करीब 27,000 करोड़ रुपये का कर्ज दिया हुआ है. यह बैंक की तरफ से दिए गए कुल लोन का 0.88 प्रतिशत है. अडानी ग्रुप के शेयरों में गिरावट का दौर जारी रहने से पैदा हुई अनिश्चितता के बीच एसबीआई चेयरमैन दिनेश खारा ने कहा कि बैंक ने इस ग्रुप को कोई भी लोन शेयरों के एवज में नहीं दिया है.
फिजिकल एसेट और कैश फ्लो का ध्यान रखा
दरअसल, अडानी ग्रुप के शेयरों पर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद कहा जा रहा था कि अडानी को सबसे ज्यादा लोन एसबीआई की तरफ से दिया गया है. एसबीआई के तिमाही नतीजों की घोषणा के मौके पर खारा ने बताया कि अडानी ग्रुप के प्रोजेक्ट को कर्ज देते समय फिजिकल एसेट और कैश फ्लो का ध्यान रखा गया है. उन्होंने कहा, 'इस समूह की हिस्सेदारी हमारे कुल कर्ज में 0.88 प्रतिशत है. बैंक की ऐसी धारणा नहीं है कि अडाणी ग्रुप अपनी कर्ज देनदारियों को पूरा करने में किसी तरह की चुनौती का सामना कर रहा है.'
वित्तीय देनदारी या अधिग्रहण के लिए कोई गारंटी नहीं
उन्होंने कहा, 'हमने शेयरों के एवज में कोई कर्ज नहीं दिया है. हमारा इस तरह का कोई पोर्टफोलियो नहीं है. हमने किसी भी वित्तीय देनदारी या अधिग्रहण के लिए कोई गारंटी नहीं दी है. ये सभी प्रदर्शन-आधारित या वित्तीय गारंटी हैं. हमने ऐसा कुछ नहीं किया है जो हमें चिंता में डाल सके.' मौजूदा घटनाक्रम को देखते हुए अडाणी ग्रुप के साथ लेनदेन के तरीके में किसी भी तरह के बदलाव की संभावना के बारे में पूछे जाने पर एसबीआई चेयरमैन ने कहा कि बैंक कर्ज की राशि जारी करने के पहले समुचित इक्विटी पर हमेशा जोर देता है.
एसबीआई चेयरमैन ने कहा 'जबतक इक्विटी नहीं दिखती है, पैसा नहीं जारी किया जाता है. ऐसा नहीं है कि हम किसी इक्विटी का इंतजार कर रहे हैं. आगे भी किसी प्रस्ताव को उसके गुण-दोष के आधार पर ही परखा जाएगा. इस पर क्रेडिट समितियां निर्णय करती हैं.' अडाणी ग्रुप के शेयरों में आई भारी गिरावट के बीच कर्जदाता संस्थानों पर असर पड़ने की आशंका के बीच एसबीआई प्रमुख ने कहा कि समूह ने कर्ज को री-फाइनेंस करने का कोई अनुरोध नहीं किया है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस समूह का बकाया कर्ज चुकाने का रिकॉर्ड बहुत अच्छा रहा है. (Input : PTI)
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