Reserve Bank of India: आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को एमपीसी की छह सदस्यीय बैठक (MPC Meeting) के आधार पर लिये गए फैसलों के बारे में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि लगातार चौथी बार सभी सदस्यों की सहमति के आधार पर रेपो रेट पुराने ही स्तर 6.5 प्रतिशत पर बरकरार है.
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Repo Rate Unchanged: प्रॉपर्टी मार्केट में चल रही तेजी के बीच यदि आप भी अपना घर लेने का प्लान कर रहे हैं तो यह खबर आपको राहत देगी. इसके अलावा यदि आपने पहले से ही होम लोन लिया हुआ है तो तब भी यह खबर आपको खुश कर देगी. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की तरफ से लगातार चौथी मौद्रिक नीति समीक्षा की बैठक (MPC Meeting) में रेपो रेट को पुराने स्तर पर ही कायम रखा गया है. अप्रैल, जून, अगस्त और अब अक्टूबर में आरबीआई ने रेपो रेट में किसी तरह का बदलाव नहीं किया.
महंगाई के हिसाब से कदम उठाने के लिए तैयार
रेपो रेट पुराने ही स्तर 6.5 प्रतिशत पर कायम है. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि लगातार चौथी बार सहमति के आधार पर रेपो रेट पुराने ही स्तर 6.5 प्रतिशत पर बरकरार है. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा पेश करते हुए कहा कि भारत दुनिया के लिये आर्थिक वृद्धि का इंजन बना हुआ है. लेकिन आत्मसंतुष्टि की गुंजाइश नहीं है. उन्होंने कहा पूंजीगत वस्तुओं के उत्पादन से संकेत मिलता है कि प्राइवेट सेक्टर का निवेश बढ़ रहा है. मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने उदार रुख को वापस लेने का रुख बरकरार रखा है, एमपीसी महंगाई के हिसाब से जरूरत के अनुरूप कदम उठाने के लिए तैयार है. इससे पहले रिजर्व बैंक ने महंगाई पर लगाम लगाने के लिए मई 2022 से मार्च 2023 तक रेपो रेट में ढाई प्रतिशत का इजाफा किया था. मई 2022 से पहले तक रेपो रेट 4 प्रतिशत के स्तर पर चल रहा था.
ईएमआई पर किसी तरह का असर नहीं
यह लगातार चौथा मौका है जब आरबीआई (RBI) ने रेपो रेट की पुरानी दर को ही कायम रखा गया है. रेपो रेट में किसी तरह का बदलाव नहीं होने से ईएमआई पर भी किसी तरह का असर नहीं पड़ेगा. दूसरी तरफ आने वाले समय में बैंकों की तरफ से एफडी की ब्याज दर में कटौती की संभावना जताई जा रही है. रेपो रेट इस समय पिछले चार साल के रिकॉर्ड लेवल पर चल रहा है. रिजर्व बैंक ने महंगाई को काबू करने के लिए ब्याज दर बढ़ाने का सिलसिला शुरू किया था.
क्या होता है रेपो रेट?
जिस रेट पर आरबीआई की तरफ से बैंकों को लोन दिया जाता है, उसे रेपो रेट कहा जाता है. रेपो रेट बढ़ने का मतलब है कि बैंकों को आरबीआई से महंगे रेट पर कर्ज मिलेगा. इससे होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन आदि की ब्याज दर बढ़ जाएगी, जिससे आपकी ईएमआई पर सीधा असर पड़ेगा.