Ratan Tata: 12 साल का इंतजार, बेजुबानों के लिए ₹1650000000 का खर्च...86 की उम्र में रतन टाटा ने पूरा किया ये सपना
Advertisement

Ratan Tata: 12 साल का इंतजार, बेजुबानों के लिए ₹1650000000 का खर्च...86 की उम्र में रतन टाटा ने पूरा किया ये सपना

Ratan Tata Pet project:  रतन टाटा ने महालक्ष्मी में  एनिमल हॉस्पिटल का निर्माण कराया है. 2.2 एकड़ जमीन में बने इस अस्पताल में कुत्ते, बिल्ली, खरगोश जैसे जानवरों का इलाज किया जाएगा.जिनकी देखरेख टाटा ट्रस्ट करेगी. मार्च से यह ऑपरेशनल हो जाएगा. 

ratan tata pet project

Ratan Tata Pet Project: हम उस दौर में जी रहे हैं, जहां इंसानियत पीछे छूट गई है. लोग एक दूसरे की मदद करने से कतराते हैं. उस दौर में रतन टाटा (Ratan Tata)  ने बेजुबानों के लिए बड़ी पहल की है. जानवरों के लिए रतन टाटा (Ratan Tata) का प्यार किसी से छिपा नहीं है. अब उन्होंने 12 साल के लंबे इंतजार के बाद अपने प्यार का इजहार एक खास तोहफे के साथ किया है. 86 साल की उम्र में रतन टाटा का वो सपना पूरा होने जा रहा है, जिसकी शुरुआत उन्होंने टाटासंस के चेयरमैन की कुर्सी छोड़ते वक्त की थी. रतन टाटा का ड्रीम ‘Pet’ प्रोजेक्ट जल्द शुरु होने वाला है.  

रतन टाटा का ‘Pet’ प्रोजेक्ट

रतन टाटा ने महालक्ष्मी में  एनिमल हॉस्पिटल का निर्माण कराया है. 2.2 एकड़ जमीन में बने इस अस्पताल में कुत्ते, बिल्ली, खरगोश जैसे जानवरों का इलाज किया जाएगा. 24×7 चलने वाले इस अस्पताल में पेट एनिमल का इलाज हो सकेगा. रतन टाटा ने इस अस्पताल को बनाने का सपना करीब 12 साल पहले देखा था, जब वो टाटासंस को छोड़ रहे थे. इस अस्पताल का नाम टाटा ट्रस्ट्स स्मॉल एनिमल हॉस्पिटल रखा गया है, जिनकी देखरेख टाटा ट्रस्ट करेगी. मार्च से यह ऑपरेशनल हो जाएगा. 

165 करोड़ का खर्च 
इस अस्पताल को बंनाने क लिए 165 करोड़ रुपये की लागत आई है.  टाइम्स ऑफ इंडिया के साथ इंटरव्यू में रतन टाटा ने कहा कि वो पेट पैरेंट्स हैं. उन्हें पेट्स अभिभावकों की पीड़ा का अंदाजा है. अपने कुत्ते के इलाज के लिए उन्हें कई बार मुश्किल का सामना करना पड़ा. उन्होंने बताया कि जब एक बार उनके डॉग को ज्वाइंट में समस्या आई और उसके रिप्लेसमेंट के लिए उन्हें अमेरिका ले जाना उनके लिए चुनौतीपूर्ण हो गया था. मिनेसोटा यूनिवर्सिटी तक जाने और उसके इलाज के लिए रतन टाटा को कई परेशानियों का सामना करना पड़ेगा. जिसके बाद उन्होंने भारत में एक वर्ल्ड क्लास एनिमल हॉस्पिटल खोलने का फैसला किया. टाटा के इस पशु अस्पताल में पालतू जानवरों को वर्ल्ड क्लास फैसिलिटी मिलेगी. 

86 साल की उम्र में पूरा किया सपना  
साल 2012 में जब उन्होंने टाटा संस के चेयरमैन के पद को छोड़ा, तभी इस अस्पताल के काम में लग गए. अब 12 साल बाद इसका काम पूरा हुआ है. मुंबई में बना यह पशु अस्पताल देश के सबसे बड़े अस्पतालों में शामिल है. आपको बता दें कि ये टाटा का पहला अस्पताल नहीं है. ट्रस्ट की ओर से भारत ने पहला कैंसर अस्पताल टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल शुरू किया. इसके अलावा एनसीपीए, टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस-बेंगलुरु का का निर्माण और संचालन भी टाटा करती है.  जानवरों को लेकर रतन टाटा के दिल में खास जगह है. उन्होंने ऐसे कई स्टार्टअप्स में भी निवेश किया है, जो पेट्स और स्ट्रीट एनिमल के लिए काम करते हैं. 

Trending news