Rabi Crops MSP: दिवाली से पहले किसानों के ल‍िए लगातार दूसरी खुशखबरी, सरकार ने ल‍िया यह बड़ा फैसला
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Rabi Crops MSP: दिवाली से पहले किसानों के ल‍िए लगातार दूसरी खुशखबरी, सरकार ने ल‍िया यह बड़ा फैसला

Modi Govt: कैब‍िनेट ने सरसों की MSP में 400 रुपये प्रत‍ि क्‍व‍िंटल की बढ़ोतरी की है. इसके अलावा मसूर की MSP में 500 रुपये प्रत‍ि क्‍व‍िंटल और जूट की MSP में 110 रुपये प्रत‍ि क्‍व‍िंटल का इजाफा क‍िया गया है.

Rabi Crops MSP: दिवाली से पहले किसानों के ल‍िए लगातार दूसरी खुशखबरी, सरकार ने ल‍िया यह बड़ा फैसला

Rabi Crops MSP:  द‍िवाली से पहले सरकार ने क‍िसानों के खाते में पीएम क‍िसान की 12वीं क‍िस्‍त जारी करने के एक द‍िन बाद एक और खुशखबरी दी है. सूत्रों के अनुसार केंद्रीय कैब‍िनेट ने रबी फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में बढ़ोतरी कर दी है. कैब‍िनेट ने सरसों की MSP में 400 रुपये प्रत‍ि क्‍व‍िंटल की बढ़ोतरी की है. इसके अलावा मसूर की MSP में 500 रुपये प्रत‍ि क्‍व‍िंटल और जूट की MSP में 110 रुपये प्रत‍ि क्‍व‍िंटल का इजाफा क‍िया गया है.

एमएसपी में 3 से 9% बढ़ोतरी की थी सिफारिश
आपको बता दें न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) वह मूल्य होता है जिस पर सरकार, किसानों से फसल खरीदती है. इसे आप इस तरह भी समझ सकते हैं क‍ि सरकार, किसानों से खरीदी जाने वाली फसल का जो भुगतान करती है, वही MSP होता है. एमएसपी (MSP) से नीचे किसानों को उनकी फसलों का भुगतान नहीं किया जाता. इससे पहले कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (CACP) ने गेहूं समेत सभी रबी फसलों की एमएसपी में 3 से 9% बढ़ोतरी की सिफारिश की थी. उम्‍मीद के अनुसार दालों की एमएसपी (MSP) पर सबसे ज्यादा बढ़ोतरी हुई है.

खरीफ की फसल का 100 रुपये बढ़ाया था MSP
इससे पहले जून में केंद्र सरकार ने तरफ से खरीफ की फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने की मंजूरी दी गई थी. उस समय केंद्रीय कैबिनेट ने 2022-23 फसल वर्ष के लिए धान की एमएसपी को 100 रुपये बढ़ाकर 2,040 रुपये प्रति क्‍व‍िंटल क‍िया था. सरकार की तरफ से उठाए गए हाल‍िया कदम से किसानों को बड़ी राहत म‍िलने की उम्‍मीद है.

क्यों तय करते हैं MSP?
किसी भी फसल का MSP तय करने इसल‍िए जरूरी होता है ताकि किसानों को किसी भी हाल में उनकी फसल के एवज में एक वाजिब न्यूनतम मूल्य म‍िले. न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) का ऐलान सरकार की तरफ से कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (CACP) की सिफारिश के आधार पर साल में दो बार (रबी और खरीफ) किया जाता है. वहीं, गन्ने का समर्थन मूल्य गन्ना आयोग तय करता है.

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