National Pension System: एनपीएस के तहत आपको 50 हजार तक के निवेश पर टैक्स से छूट मिलती है. 1 अप्रैल, 2023 से न्यू टैक्स रिजीम के तहत इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव किया गया और एक वित्तीय वर्ष में मूल छूट सीमा को ढाई लाख रुपये से बढ़ाकर 3 लाख रुपये कर दिया गया.
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PPF Interest Rate: अगर आपका पीपीएफ अकाउंट (PPF) या सुकन्या समृद्धि योजना (SSY) या नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) के जरिये पैसा निवेश करते हैं तो यह खबर आपके काम की है. दरअसल, छोटी बचत योजनाओं के तहत हर वित्तीय वर्ष में आपको अपने अकाउंट में न्यूनतम राशि जमा करनी होती है. खाते को एक्टिव रखने के लिए मिनिमम बैलेंस रखना जरूरी होता है. यदि खाताधारक हर साल जमा होने वाले मिनिमम पैसे को जमा करने से चूक जाता है तो खाता फ्रीज हो सकता है. इकसे अलावा खाताधारक पर पेनाल्टी भी लग सकती है.
मौजूदा वित्त वर्ष के लिए पीपीएफ, एनपीएस और सुकन्या समृद्धि अकाउंट में न्यूनतम राशि जमा करने की अंतिम तिथि 31 मार्च, 2024 है. साल 2023 के बजट में सरकार की तरफ से न्यू टैक्स रिजीम को ज्यादा आकर्षक बना दिया गया है. 1 अप्रैल, 2023 से न्यू टैक्स रिजीम के तहत इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव किया गया और एक वित्तीय वर्ष में मूल छूट सीमा को ढाई लाख रुपये से बढ़ाकर 3 लाख रुपये कर दिया गया. इसके अलावा, न्यू टैक्स रिजीम में स्टैंडर्ड डिडक्शन भी मिलता है. इसके तहत आपको 7 लाख रुपये तक की आमदनी पर किसी प्रकार का टैक्स नहीं देना होता.
न्यूनतम राशि जमा नहीं करने पर जुर्माना लग सकता है
ऐसा में हो सकता है कि आप मौजूदा वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए अपने टैक्स का भुगतान करने करने के लिए न्यू टैक्स रिजीम को सिलेक्ट किया हो. ऐसे में यदि आप पिछले वित्तीय वर्ष तक ओल्ड टैक्स रिजीम के तहत टैक्स देने के साथ ही छोटी बचत योजनाओं में निवेश कर रहे थे तो आपको हर साल की तरह पीपीएफ (PPF), सुकन्या समृद्धि योजना (SSY) और एनपीएस (NPS) जैसी सेविंग स्कीम में निवेश करना होगा. भले ही न्यू टैक्स रिजीम सिलेक्ट करने पर आपको इन सेविंग स्कीम में निवेश पर मिलने वाले टैक्स छूट का फायदा नहीं मिलेगा. दरअसल, इन सभी खातों में न्यूनतम राशि जमा नहीं करने पर जुर्माना भी लग सकता है.
पीपीएफ में कितना पैसा जमा करना जरूरी?
पीपीएफ नियम 2019 के अनुसार हर वित्तीय वर्ष में पीपीएफ अकाउंट में कम से कम 500 रुपये जमा करना जरूरी है. अगर न्यूनतम पैसा जमा नहीं किया गया तो पीपीएफ अकाउंट इनएक्टिव हो जाएगा. पीपीएफ अकाउंट के इनएक्टिव होने पर लोन और निकासी की सुविधा नहीं मिलती. इनएक्टिव अकाउंट को आप मैच्योरिटी से पहले रिवाइव करा सकते हैं. अकाउंट के डिफॉल्ट होने पर हर साल 50 रुपये की फीस लगाई जाती है. डिफॉल्ट फीस के अलावा जमाकर्ता को हर साल के हिसाब से 500 रुपये की सालाना भी न्यूनतम राशि के तौर पर जमा करने होते हैं. आपको इस खाते में हर साल 500 रुपये न्यूनतम राशि के तौर पर जमा करना जरूरी होता है.
सुकन्या समृद्धि योजना
यह भी ऐसे लोगों के लिए टैक्स सेविंग इनवेस्टमेंट का ऑप्शन है जो बच्चियों के लिए बचत करना चाहते हैं. SSY योजना के नियमों के अनुसार खाताधारकों को हर वित्तीय वर्ष में न्यूनतम 250 रुपये जमा करना जरूरी होता है. अगर अकाउंट में एक वित्तीय वर्ष में न्यूनतम 250 रुपये जमा नहीं किए जाते तो सुकन्या खाते को डिफॉल्ट अकाउंट मान लिया जाता है. योजना के नियम किसी भी डिफॉल्ट अकाउंट को मैच्योरिटी से पहले किसी भी समय रिवाइवड करने की अनुमति देते हैं. अकाउंट को रिवाइव करने के लिए हर डिफॉल्ट ईयर के हिसाब से 50 रुपये देने होते हैं.
एनपीएस
कुछ टैक्सपेयर आयकर अधिनियम की धारा 80सीसीडी(1B) के तहत अतिरिक्त 50,000 रुपये का निवेश करके टैक्स बचाने के लिए एनपीएस खाता खोलते हैं . सेक्शन 80सी के तहत 50,000 रुपये के निवेश को 1.5 लाख रुपये की लिमिट से ज्यादा की अनुमति होती है. एनपीएस के नियमों के अनुसार किसी भी व्यक्ति का हर वित्तीय वर्ष में कम से कम 1,000 रुपये जमा करना जरूरी होता है. लेकिन यदि आपका अकाउंट इनएक्टिव है तो आप 500 रुपये जमा करके इसे एक्टिव करा सकते हैं. लेकिन यहां यह ध्यान रखना जरूरी है कि आपको एक वित्तीय वर्ष में कम से कम 1000 रुपये जमा कराने होंगे.