Job in India: आजकल ज्यादातर लोग नौकरी करते हैं और बड़ी-बड़ी कंपनियों में अपनी सेवाएं देते हैं. हालांकि नौकरी बदलने का चलन भी आज के दौर में काफी ज्यादा देखने को मिल रहा है.
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Private Job: आजकल नौकरियां छोड़ने का चलन काफी बढ़ गया है. प्राइवेट सेक्टर में Job Switch करना काफी आम बात है. ज्यादातर देखा गया है कि बेहतर करियर ग्रोथ और बढ़िया अवसरों के कारण लोग नौकरी (Job) बदल लेते हैं. ऐसे में उन्हें बढ़ी हुई सैलरी और बढ़ा हुआ पद भी मिलता है. वहीं नौकरी छोड़ने के तुरंत बाद भी पुरानी कंपनी से रिश्ता तब तक खत्म नहीं होता, जब तक कंपनी की ओर से Full & Final सेटलमेंट न कर दिया जाए. फुल एंड फाइनल सेटलमेंट करवाते वक्त कुछ बातें भी ध्यान में रखनी चाहिए वरना नुकसान उठाना पड़ सकता है.
करवाएं No Dues
फुल एंड फाइनल सेटलमेंट उन फॉर्मेलिटी को कहा जाता है जो नौकरी छोड़ने के दौरान किसी कर्मचारी के जरिए की जाती है. इसके तहत इस्तीफा देने के बाद जो कंपनी आप छोड़ रहे हैं उस कंपनी के सारे डिपार्टमेंट से आपको No Dues लेना होता है. इनमें आईटी, एडमिन, लीगल, फाइनेंस जैसे डिपार्टमेंट होते हैं. नो ड्यूस करना कर्मचारी को इसलिए जरूरी होता है कि ताकी कंपनी की कोई एसेट आपके पास ना रही हो और कंपनी आगे इसको लेकर आप पर कोई क्लेम न कर दे.
पेमेंट
NO Dues करवा लेने के बाद कंपनी की ओर से आपको कुछ पेमेंट की जाती है. इस पेमेंट में आपकी अनपेड सैलरी होती है, Leave Encashment भी इसमें शामिल होता है. इसके अलावा आपका कोई रिम्बर्समेंट बन रहा है तो वो भी इसमें जुड़ता है. वहीं अगर आप ग्रेच्युटी के लिए एलिजेबल हैं तो ग्रेच्युटी भी आपको मिलती है और कॉन्ट्रैक्चुअल ड्यूस आपको दिए जाते हैं.
इसका रखें ध्यान
ऐसे में नौकरी से इस्तीफा देने के बाद तुरंत ही वहां से भागने की न सोचें. कंपनी से अपना No Dues जरूर करवा लें. No Dues करवाने के थोड़े टाइम बाद ही कंपनी आपकी बची हुई पेमेंट कर देती है. ऐसे में No Dues न करवाने की स्थिति में कंपनी पर आपकी बची हुई पेमेंट भी रूक सकती है.
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