Anil Ambani: अंबानी ग्रुप को 2008-09 में बारामती, नांदेड़, उस्मानाबाद, लातूर और यवतमाल हवाई अड्डे लीज पर दिए थे. राज्य में में हवाईअड्डों की मौजूदा स्थिति पर कांग्रेस के अशोक चव्हाण और अन्य के ध्यानाकर्षण नोटिस पर चर्चा का जवाब देते हुए, फडनवीस ने विधानसभा को बताया कि विमान अगले साल अगस्त में हवाईअड्डे से उड़ान भरेंगे.
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Airports Leased to Anil Ambani: अनिल अंबानी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. महाराष्ट्र सरकार अनिल अंबानी ग्रुप को लीज पर दिए गए पांच हवाई अड्डों को वापस लेने पर विचार कर रही है. सरकार यह कदम कंपनी के खराब रखरखाव और बकाया का भुगतान नहीं कर पाने के कारण उठा सकती है. इससे पहले अनिल अंबानी की रिलायंस कैपिटल दिवालिया प्रक्रिया का सामना कर रही है. रिलायंस कैपिटल ने हिंदुजा ग्रुप की निवेश शाखा इंडसइंड इंटरनेशनल होल्डिंग्स लिमिटेड (IIHL) की समाधान योजना के लिए एनसीएलटी (NCLT) में आवेदन प्रस्तुत किया था.
हवाई अड्डों का प्रभार ले सकते हैं
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री फडनवीस ने कहा कंपनी ने हवाई अड्डों का रखरखाव नहीं किया और न ही बकाया का भुगतान किया. उन्होंने कहा हम राज्य के एडवोकेट जनरल से परामर्श करेंगे कि क्या हम बकाया का भुगतान करके और बाद में कंपनी से उन्हें वापस लेकर हवाई अड्डों का प्रभार ले सकते हैं.' अंबानी ग्रुप को 2008-09 में बारामती, नांदेड़, उस्मानाबाद, लातूर और यवतमाल हवाई अड्डे लीज पर दिए थे. राज्य में में हवाईअड्डों की मौजूदा स्थिति पर कांग्रेस के अशोक चव्हाण और अन्य के ध्यानाकर्षण नोटिस पर चर्चा का जवाब देते हुए, फडनवीस ने विधानसभा को बताया कि विमान अगले साल अगस्त में हवाईअड्डे से उड़ान भरेंगे.
3 महीने के अंदर फैसला लिया जाएगा
उन्होंने कहा कि सौंपी गई कंपनी द्वारा बकाया भुगतान न करने के कारण नांदेड़ और लातूर हवाई अड्डे पर काम रुक गया है. 'नवी मुंबई हवाई अड्डा अगले साल काम करना शुरू कर देगा. नांदेड़, लातूर एयरपोर्ट का काम रुका हुआ है. जिस कंपनी को काम दिया गया था, उसने बकाया भुगतान नहीं किया है. फडणवीस ने ट्वीट में कहा, 'उचित हवाईअड्डे प्रबंधन के लिए एक प्राधिकरण का गठन किया जाएगा और 3 महीने के अंदर फैसला लिया जाएगा.
फडणवीस ने बताया, सरकार शिरडी हवाईअड्डे पर 650 करोड़ की लागत से टर्मिनल भवन का निर्माण करा रही है. उन्होंने कहा कि सरकार कुशल हवाईअड्डा प्रबंधन के लिए एक समर्पित प्राधिकरण स्थापित करने की योजना बना रही है. इस मामले पर अगले तीन महीने के भीतर फैसला आने की उम्मीद है. उन्होंने कहा, इन कदमों का उद्देश्य महाराष्ट्र में हवाई कनेक्टिविटी और बुनियादी ढांचे को बढ़ाना है, जिससे राज्य की समग्र वृद्धि और विकास में योगदान मिलेगा.