Leave Encashment: प्राइवेट नौकरी करने वालों की बल्ले-बल्ले, 25 लाख रुपये तक की रकम पर मिलेगा तगड़ा फायदा
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Leave Encashment: प्राइवेट नौकरी करने वालों की बल्ले-बल्ले, 25 लाख रुपये तक की रकम पर मिलेगा तगड़ा फायदा

Leave Encashment in Private Job: अपने बजट भाषण में प्राइवेट नौकरी करने वाले लोगों के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लीव इनकैशमेंट में राहत देने की कोशिश की है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से कहा गया कि गैर-सरकारी वेतनभोगी कर्मचारियों को लीव इनकैशमेंट में टैक्स छूट का फायदा 3 लाख रुपये से बढ़ा दिया गया है.

Leave Encashment: प्राइवेट नौकरी करने वालों की बल्ले-बल्ले, 25 लाख रुपये तक की रकम पर मिलेगा तगड़ा फायदा

Leave Encashment Benefit: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट 2023 पेश कर दिया है. इस बार के बजट में तकनीकी, इनोवेशन, आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था विकसित करने पर ध्यान केंद्रित करने की कोशिश की गई है. इसके साथ ही इस बजट में लगभग हर वर्ग के लोगों को राहत देने की कोशिश की गई है. वहीं प्राइवेट नौकरी करने वालों के लिए सरकार ने इस बार बजट में सौगात दी है.

लीव इनकैशमेंट
अपने बजट भाषण में प्राइवेट नौकरी करने वाले लोगों के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लीव इनकैशमेंट में राहत देने की कोशिश की है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से कहा गया कि गैर-सरकारी वेतनभोगी कर्मचारियों को लीव इनकैशमेंट में टैक्स छूट का फायदा 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 25 लाख रुपये करने का प्रस्ताव रखा गया है.

टैक्स
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के इस ऐलान का मतलब है कि अब लीव इनकैशमेंट में टैक्स छूट की सीमा तीन लाख रुपये से बढ़ाकर 25 लाख रुपये कर दी है. लीव इनकैशमेंट से जो रकम मिलती है उसे सैलरी का हिस्सा ही माना जाता है और सरकार इस पर टैक्स लगाती है. हालांकि अब 25 लाख रुपये तक के लीव इनकैशमेंट पर प्राइवेट नौकरी वालों को कोई टैक्स नहीं देना होगा.

छुट्टियों की रकम
बता दें कि नौकरी के दौरान कर्मचारियों को कई प्रकार की छुट्टियां मिलती हैं. इनमें Casual Leave, Sick Leave, Paid Leave आदि कई तरह की छुट्टियां शामिल होती हैं. इनमें से कुछ छुट्टियां अगर तय समय में नहीं ली जाती है तो वो खत्म हो जाती है और कुछ छुट्टियां हर साल जुड़ती रहती हैं. वहीं जब कोई शख्स नौकरी बदलता है या फिर रिटायर होता है तो जो छुट्टियां हर साल जुड़ती जाती है, उन बची हुई छुट्टियों को कंपनी से कैश करवा सकता है यानी इन छुट्टियों के भी शख्स पैसे ले सकता है. इसे ही लीव इनकैशमेंट कहा जाता है.

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