Ramesh Bhai Ojha Katha Charge: मुकेश अंबानी की मां कोकिलाबेन अंबानी धार्मिक आयोजनों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेती हैं. उनकी मां की आध्यात्मिक गुरु रमेश भाई ओझा के प्रति गहरी आस्था है. रमेश भाई ओझा उर्फ भाईश्री उनके आध्यात्मिक गुरु हैं.
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Mukesh Ambani Guru Ji: एशिया के सबसे अमीर कारोबारी मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) का बिजनेस लगातार बढ़ रहा है. उनके तीनों बच्चे ईशा अंबानी, आकाश अंबानी और अनंत अंबानी उनके बिजनेस साम्राज्य में उनकी मदद करते हैं. अंबानी परिवार की धार्मिक आस्था भी सभी को प्रभावित करती है. मुकेश अंबानी के बच्चों की शादी हो या किसी धाम की यात्रा, पूरे परिवार की भगवान के प्रति आस्था देखते ही बनती है. भगवान की कृपा और मुकेश अंबानी के फैसलों का ही असर है कि रिलायंस इंडस्ट्रीज दिन पर दिन नई ऊंचाई हासिल कर रही है.
धार्मिक आयोजनों में हिस्सा लेती हैं कोकिलाबेन
मुकेश अंबानी की मां कोकिलाबेन अंबानी धार्मिक आयोजनों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेती हैं. उनकी मां की आध्यात्मिक गुरु रमेश भाई ओझा (Ramesh Bhai Ojha) के प्रति गहरी आस्था है. रमेश भाई ओझा उर्फ भाईश्री उनके आध्यात्मिक गुरु हैं. अंबानी परिवार (Ambani Family) किसी काम के लिए कदम बढ़ाने से पहले रमेश भाई ओझा से सलाह लेता है. भाईश्री के नाम से मशहूर रमेश भाई ओझा ने ही कारोबारी साम्राज्य को लेकर मुकेश अंबानी और अनिल अंबानी (Anil Ambani) के बीच हुए मनमुटाव के बीच समझौता कराया था.
रमेश भाई ओझा के बारे में
रमेश भाई ओझा (Ramesh Bhai Ojha) काफी फेमस आध्यात्मिक गुरु हैं. उनका आश्रम गुजरात के पोरबंदर में है. इसका नाम संदीपनी विद्यानिकेतन आश्रम है. आध्यात्मिक गुरु रमेश भाई ओझा, लंबे समय से अंबानी परिवार से जुड़े हुए हैं. 1997 में रमेश भाई ओझा को कथा करने के लिए कोकिलाबेन ने अपने घर आमंत्रित किया था. एक सप्ताह तक चले प्रवचन के दौरान भाईश्री और अंबानी परिवार के बीच काफी अच्छे रिश्ते बन गए. कथा प्रवचन के दौरान अंबानी परिवार उनसे काफी प्रभावित हुआ.
कथा प्रवचन के लेते हैं इतने लाख
एक हफ्ते तक चले प्रवचन के दौरान अंबानी परिवार और रमेश भाई ओझा के बीच अच्छा संबंध बन गया. यही कारण है कि किसी भी काम की तरफ हाथ बढ़ाने से पहले मुकेश अंबानी उनकी सलाह जरूर लेते हैं. यदि वह किसी काम के लिए हां नहीं करते तो मुकेश अंबानी उसकी तरफ बढ़ने का प्लान टाल देते हैं. उनकी कथा के चार्ज को लेकर कोई सटीक जानकारी तो उपलब्ध नहीं है. लेकिन कुछ मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि वह एक बार कथा प्रवचन के 10 से 12 लाख रुपये तक लेते हैं. जामनगर में रिलायंस इंडस्ट्री की पहली रिफाइनरी का उद्घाटन रमेश भाई ओझा ने ही किया था.