Indian Railways: भारतीय रेलवे से ट्रेनों से सफर करने वाले हजारों लोगों के लिए राहत भरी खबर है. अब आपको अपनी वेटिंग या आरएसटी टिकट को कंफर्म कराने के लिए टीटी के आगे पीछे घूमने की जरूरत नहीं होगी. टीटी को हैंड हेल्ड टर्मिनल डिवाइस दी जा रही है, जिससे ट्रेन में खाली बर्थ वेटिंग वाले यात्री को स्वत: ही अलॉट हो जाएगी.
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Indian Railways Latest Rule: रेल यात्रियों के लिए जरूरी खबर है. अब आपको टिकट कंफर्म के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा. चलती ट्रेन (Train) में वेटिंग (Waiting) या आरएसी (RAC) टिकट को कंफर्म कराने के लिए अब आपको टीटी से अनुरोध नहीं करना पड़ेगा. रेल मंत्रालय (Ministry of Railways) के एक फैसले से ट्रेनों वे वेटिंग (विंडो टिकट) और आरएसी टिकट पर यात्रा करने वाले हजारों यात्रियों को बड़ी राहत मिली है. दरअसल, रेलवे प्रीमियम, मेल और एक्सप्रेसव ट्रेनों के टीटी को हैंड हेल्ड टर्मिनल-एचएचटी (Hand Held Terminal Device) देने जा रहा है. रेलवे इसकी इसकी शुरुआत भी कर चुका है. आपको बता दें कि ये एचएचटी डिवाइस से खाली बर्थ वेटिंग या आरएसी नंबर और श्रेणी के अनुसार अपने आप ही कंफर्म होती जाएंगी.
रेलवे का बड़ा फैसला
गौरतलब है कि भारतीय रेलवे ने इससे पहले पायलट प्रोजेक्ट के तहत कुछ प्रीमियम ट्रेनों (राजधानी, शताब्दी) में टीटी को एचएचटी डिवाइस दी थी. इससे यात्रियों को बहुत राहत मिली. इससे यात्रियों के वेटिंग या आरएसी टिकट चार्ट बनने के बाद चलती ट्रेन में स्वत: कंफर्म हुए और उनके पास मैसेज पहुंचे. इसके बाद इसके सफल होने के बाद भारतीय रेलवे ने 559 ट्रेनों में टीटी को 5850 एचएचटी डिवाइस दे दी है. रेलवे की तरफ से दी गई जानकारी के अनुसार, धीरे धीरे प्रीमियम ट्रेनों के साथ सभी मेल एक्सप्रेस ट्रेनों में डिवाइस लगाईं जाएगी.
डिवाइस का हुआ टेस्ट
रेलवे बोर्ड ने बताया कि चलती ट्रेन में एक दिन में 523604 रिजर्वेशन हुए, जिसमें चलती ट्रेन में 242825 टिकट की जांच एचएचटी डिवाइस से की गयी. इनमें 18 हजार से अधिक आरएसी और नौ हजार से अधिक वेटिंग टिकट कंफर्म हुए. रेलवे मंत्रालय के अनुसार सामान्य दिनों में प्रतिदिन 12.5 लाख रिजर्वेशन होते हैं. ऐसे में अगर मेल, एक्सप्रेस ट्रेनों में एचएचटी डिवाइस से टिकटों की जांच की जाएगी तो कंफर्म होने वाले टिकटों का आंकड़ा बढ़ जाएगा.
अभी कैसे होती है चेकिंग?
आपको बता दें कि अभी काफी ट्रेनों में टीटी चार्ट लेकर टिकट की चेकिंग करते हैं. जिस बर्थ पर यात्री नहीं पहुंचता है, उसे मार्क कर वेटिंग या आरएसी को वाले को दी जाती है. लेकिन इसमें सीट अलोटिंग टीटी पर निर्भर करता है. कई मामले ऐसे आये हैं, जिसमें टीटी कंफर्म सीट करने करने के नाम पर सौदेबाजी कर लेते हैं.