ITR: ऐसे कई साधन हैं जिनमें निवेश करके आप टैक्स छूट का दावा कर सकते हैं. भारत के आयकर अधिनियम (ITA) की धारा 80C कटौती के तहत आप 1.5 लाख रुपये तक की कटौती का दावा कर सकते हैं. इसके लिए आप कर्मचारी भविष्य निधि (EPF), सार्वजनिक भविष्य निधि (PPF), इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ELSS) में इंवेस्टमेंट कर सकते हैं.
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Income Tax: इनकम टैक्स दाखिल करने का वक्त नजदीक आ रहा है. साथ ही वित्त वर्ष 2022-23 खत्म होने जा रहा है. ऐसे में वित्त वर्ष 2022-23 में हुई कमाई पर इनकम टैक्स चुकाना होगा. वहीं अगर आपकी इनकम टैक्सेबल है तो इनकम टैक्स स्लैब के मुताबिक उस पर टैक्स भी दाखिल करना होगा. वहीं अगर आप ओल्ड टैक्स रिजीम के हिसाब से टैक्स दाखिल करेंगे तो कई टैक्स छूट का लाभ भी हासिल कर सकते हैं.
इंवेस्टमेंट स्कीम
ऐसे कई साधन हैं जिनमें निवेश करके आप टैक्स छूट का दावा कर सकते हैं. भारत के आयकर अधिनियम (ITA) की धारा 80C कटौती के तहत आप 1.5 लाख रुपये तक की कटौती का दावा कर सकते हैं. इसके लिए आप कर्मचारी भविष्य निधि (EPF), सार्वजनिक भविष्य निधि (PPF), इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ELSS), सुकन्या समृद्धि खाता, टैक्स सेविंग एफडी, राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र (NSC) और वरिष्ठ नागरिक बचत योजना में इंवेस्टमेंट कर सकते हैं.
होम लोन
होम लोन के मूलधन का पुनर्भुगतान और ब्याज का भुगतान आपके लिए बड़े पैमाने पर टैक्स बचाने वाला हो सकता है. चल रहे होम लोन के लिए आप धारा 80C के तहत मूल राशि के पुनर्भुगतान पर कटौती का दावा कर सकते हैं. होम लोन के ब्याज का भुगतान भी आपको 2 लाख रुपये तक की कटौती योग्य राशि की अनुमति दे सकता है. हालांकि, पूरा फायदा उठाने के लिए होम लोन बड़ा होना चाहिए.
एजुकेशन लोन
एजुकेशन लोन के ब्याज की अदायगी पर टैक्स छूट हासिल की जा सकती है. कटौती योग्य राशि की कोई सीमा नहीं है. हालांकि, होम लोन के विपरीत मूल राशि के पुनर्भुगतान पर छूट उपलब्ध नहीं है. लोन से अधिकतम टैक्स सेविंग बेनेफिट हासिल करने के लिए निवेश बैंकिंग में अनुभव रखने वाले किसी व्यक्ति से परामर्श करने का प्रयास करें.
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