Reserve Bank of India के आंकड़ों के अनुसार, 2021-22 की समान अवधि में यह खर्च 4.16 अरब डॉलर था. कोविड महामारी से पहले 2019-20 की समान अवधि में यह आंकड़ा 5.4 अरब डॉलर था. पूरे वित्त वर्ष 2021-22 में इस मद में सात अरब डॉलर खर्च हुए.
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RBI: भारतीय विदेश यात्रा पर हर महीने एक अरब डॉलर से अधिक खर्च कर रहे हैं. यह आंकड़ा कोविड महामारी से पहले के स्तर से काफी अधिक है. निवासी व्यक्तियों ने यात्रा के लिए उदारीकृत प्रेषण योजना (एलआरएस) के तहत वित्त वर्ष 2022-23 में अप्रैल-दिसंबर के दौरान 9.95 अरब डॉलर बाहर भेजे. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के आंकड़ों के अनुसार, 2021-22 की समान अवधि में यह खर्च 4.16 अरब डॉलर था. कोविड महामारी से पहले 2019-20 की समान अवधि में यह आंकड़ा 5.4 अरब डॉलर था. पूरे वित्त वर्ष 2021-22 में इस मद में सात अरब डॉलर खर्च हुए.
विदेश यात्रा
वहीं वी3ऑनलाइन के भागीदार सपन गुप्ता ने कहा, ‘‘भारतीय अपने परिवार या दोस्तों के साथ दुनियाभर में घूम रहे हैं. वियतनाम, थाइलैंड, यूरोप और बाली कुछ प्रमुख गंतव्य हैं, जिन्हें भारतीय पसंद करते हैं.'' उन्होंने बताया कि इसके अलावा यूरोप, इंडोनेशिया, वियतनाम, थाइलैंड और दुबई भी भारतीयों की पसंद में शामिल हैं.
अंतरराष्ट्रीय यात्रा में वृद्धि
वहीं संकैश के सह-संस्थापक आकाश दहिया ने कहा कि सस्ती यात्रा और तकनीकी प्रगति के साथ अंतरराष्ट्रीय यात्रा में वृद्धि हो रही है. उन्होंने कहा, ‘‘हमारे पोर्टफोलियो में 75 प्रतिशत लोग अब अंतरराष्ट्रीय यात्रा का विकल्प चुन रहे हैं. भारतीयों के बीच यूरोप, बाली, वियतनाम और दुबई जैसी जगहों की मांग बढ़ रही है.’’
विदेशी टूर पैकेज
इस बीच, सरकार ने आम बजट में अगले वित्त वर्ष से विदेशी टूर पैकेज पर स्रोत पर कर संग्रह (टीसीएस) की दर मौजूदा पांच प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया है. विशेषज्ञों का मानना है कि इससे भारतीयों की विदेश यात्रा प्रभावित हो सकती है. (इनपुट: भाषा)
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