EPFO Scam: ईपीएफओ के कर्मचारियों और अधिकारियों ने मिलकर सैकड़ों कर्मचारियों के साथ बड़ा घोटाला किया है. अधिकारीयों ने कर्मचारियों के खाते से कोरोनाकाल में करीब 1 हजार करोड़ रुपये का फर्जीवाड़ा किया है. पीएफ कार्यालय इसकी जांच कर रहा है, लेकिन सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज के सदस्यों ने सीबीआई से मामले की जांच कराने को कहा है. आइये जानते हैं लेटेस्ट अपडेट
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EPFO Scam: कर्मचारियों के भविष्य की सुरक्षा की गारंटी देने वाले ईपीएफओ में ही कर्मचारियों के साथ बड़ा घोटाला हुआ है. मुंबई के कांदीवली क्षेत्र स्थित कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ऑफिस में तैनात सोशल सिक्योरिटी ऑफिसर ने फर्जी तरीके से क्लेम कर कर्मचारियों के 1000 करोड़ रुपये निकाल लिए हैं. इससे कर्मचारियों को गहरा झटका लगा है. मामला सामने आने पर EPFO ने आरोपी अधिकारी महिंद्र बामने को तुरंत निलंबित कर दिया है और पूरे मामले कि विस्तृत जांच के लिए उच्च अधिकारी को नियुक्त किया है. इस फर्जीवाड़े में बामने ने अपने मित्र एयरलाइन के कई घरेलू कर्मचारियों को चूना लगा दया है. इतना ही नहीं, इस मामले में शामिल लोगों ने कई दस्तावेज नष्ट भी कर दिए और फर्जी कागजों के सहारे ये घोटाला किया है.
ईपीएफओ ने उठाया बड़ा कदम
ईपीएफओ से जुड़े सूत्रों ने जानकारी दी कि वैसे तो इस बड़े घोटाले यानी पीएफ लूट की शुरुआत 2019 में ही हो गई थी, लेकिन लॉकडाउन के दौरान इसमें तेजी आई. मामला सामने आने पर ईपीएफओ जेट एयरवेज पायलटों से संपर्क कर उनसे उनका इंडियन पैन कार्ड और बैंक चेक मांग रहा है, ताकि उन्हें पीएफ के पैसे वापस कर सके. इतना ही नहीं, विदेशी पायलटों को suchitbhagwat@jetairways.com इस मेल आईडी पर पैसे भेजने के लिए कहा जा रहा है.
जानिए पूरा मामला
ईपीएफओ के सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज के सदस्य प्रभाकर बानासुरे ने बताया, 'कर्मचारियों के पीएफ के पैसे हड़पने के लिए आरोपियों ने बोगस खाते खोले और फिर निष्क्रिय हो चुकी कंपनियों में फर्जी तरीके से क्लेम सेटलमेंट किए जिसमें जेट एयरवेज भी शामिल है. हमारा अनुमान है कि नियमों के इस उल्लंघन और टैक्स चोरी से ईपीएफओ को करीब 1000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. दोषियों को इसके लिए कड़ी सजा मिलेगी.'श्रम मंत्री तक पहुंचा मामला
ईपीएफओ ने की बैठक
ईपीएफओ ने पुरे मामले कि जांच के लिए सख्ती दिखाई है. मामला सामने आने पर ईपीएफओ के आईएएस अधिकारियों और श्रम मंत्री के साथ 29-30 जुलाई को बैठक की गई. ट्रस्टी सदस्य सुकुमार दामले का कहना है कि बैठक में जेट एयरवेज का मुद्दा भी उठा और लोगों ने इस पर बात की. कांदीवली शाखा से जुड़े इस मैटर के बारे में श्रम मंत्री को बताया गया. इसमें विदेशी कर्मचारियों के पीएफ से भी पैसे गायब होने की बात सामने आई है.
सीबीआई जांच की मांग
प्रभाकर बानासुरे ने कहा, मैं खुद मीटिंग में मौजूद था और मैंने जेट एयरवेज के पीएफ खातों के फॉरेंसिक ऑडिट की मांग की है. वैसे तो मामले की जांच चीफ विजिलेंस जीतेंद्र खरे करेंगे, लेकिन वे कांदीवली की उसी ब्रांच में काम करते हैं जहां का यह मामला है. ऐसे में हमें सही जांच की उम्मीद कम है. लिहाजा मेरी मांग है कि इसकी जांच सीबीआई से कराई जाए, क्योंकि इसमें कई व्हाइट कॉलर भी शामिल होंगे.'