Recession: 2008 के आर्थिक संकट की भविष्यवाणी करने वाले अर्थशास्त्री ने किया आगह, कहा - फिर से दुनियाभर में आनेवाली है मंदी!
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Recession: 2008 के आर्थिक संकट की भविष्यवाणी करने वाले अर्थशास्त्री ने किया आगह, कहा - फिर से दुनियाभर में आनेवाली है मंदी!


Financial Crash: अमेरिका में इस समय काफी खराब स्थिति पैदा हो गई है. साल 2008 में होने वाले आर्थिक संकट के बाद साल 2022 में एक बार फिर से बेहद ही खराब आर्थिक मंदी की भविष्यवाणी की गई है. 

Recession: 2008 के आर्थिक संकट की भविष्यवाणी करने वाले अर्थशास्त्री ने किया आगह, कहा - फिर से दुनियाभर में आनेवाली है मंदी!

Financial Crash: अमेरिका में इस समय काफी खराब स्थिति पैदा हो गई है. साल 2008 में होने वाले आर्थिक संकट के बाद साल 2022 में एक बार फिर से बेहद ही खराब आर्थिक मंदी की भविष्यवाणी की गई है. अर्थशास्त्री नूरील रूबिनी (Nouriel Roubini) ने इससे पहले 2008 में भी इस तरह की एकदम सटीक भविष्यवाणी की थी. 

2023 के आखिर तक रह सकता है आर्थिक संकट
इकोनॉमिस्ट नूरील रूबिनी ने बताया है कि इस बार आर्थिक मंदी साल 2022 के आखिर से शुरू होकर 2023 के आखिर तक जा सकती है. इस दौरान ग्लोबल मार्केट पर काफी बुरा असर देखने को मिल सकता है. इसके अलावा एसएंडपी 500 में भी बड़ी गिरावट आने की आशंका है. 

30 से 40 फीसदी तक गिर सकते हैं ग्लोबल इंडेक्स 
मैक्रो एसोसिएट्स के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी रूबिनी ने एक इंटरव्यू देते हुए बताया कि ग्लोबल मार्केट में बड़ी गिरावट देखने को मिल सकती है. इसके अलावा एसएंडपी 500 में भी करीब 30 फीसदी तक की गिरावट आ सकती है. अगर स्थिति और ज्यादा खराब होती है तो इसमें 40 फीसदी तक की गिरावट आ सकती है. 

2008 की मंदी की करी थी सटीक भविष्यवाणी
आपको बता दें इससे पहले साल 2007-08 में आए आर्थिक संकट की भी नूरील रूबिनी ने एकदम सटीक भविष्यवाणी की थी. तो इस बार भी इनके द्वारा की गई भविष्यवाणी को लेकर काफी चिंताएं जताई जा रही हैं. 2008 की आर्थिक मंदी की भविष्यवाणी करने के बाद से इनको डॉक्टर डूम (Dr. Doom) के नाम से जाना जाने लगा है. 

आगे भी दरों में होगा इजाफा
लगातार तेजी से बढ़ती मुद्रा स्फीति के बीच में रूबिनी ने कहा है कि मौजूदा बैठक में 75 आधार अंकों के किए गए इजाफे के बाद में नवंबर-दिसंबर की बैठक में भी 50 बेसिस अंकों का इजाफा हो सकता है. साल के आखिर तक फेड रिजर्व की दरों को 4 से 4.25 फीसदी के बीच में लेकर जाया जा सकता है. नूरील रूबिनी ने कहा है कि एक बार फिर से दुनिया में मंदी की आशंका है. 2008 के बाद एक बार फिर से दुनिया मदी की चपेट में आ जाएगी. 

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