How to Earn By Online Game: शौक बना कमाई का जर‍िया, 44 साल की ये मह‍िला ऑनलाइन गेम खेल हर साल कमा रही लाखों रुपये
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How to Earn By Online Game: शौक बना कमाई का जर‍िया, 44 साल की ये मह‍िला ऑनलाइन गेम खेल हर साल कमा रही लाखों रुपये

Online Game: रीतू ऑनलाइन गेम खेलकर सालाना डेढ़ लाख रुपये कमा रही हैं. यह आज उनकी इनकम का साधन बन गया है. ‘गेमिंग कम्‍युन‍िटी’ में ‘ब्लैकबर्ड’ के तौर पर पहचान बना चुकीं स्लाथिया के गेमिंग प्‍लेटफॉर्म ‘रूटर’ पर चार लाख फॉलोअर हैं.

How to Earn By Online Game: शौक बना कमाई का जर‍िया, 44 साल की ये मह‍िला ऑनलाइन गेम खेल हर साल कमा रही लाखों रुपये

Video Game Activitiy: अगर आपको भी ऑनलाइन गेम खेलना पसंद है तो यह आपके ल‍िए कमाई का जर‍िया बन सकता है. जी हां, ड‍िजिटल की द‍िन पर द‍िन बढ़ती दुन‍िया में सब आसानी से संभव है. आज हम आपको एक ऐसी शख्‍स‍ियत से म‍िलवाएंगे, जो ऑनलाइन गेम खेलकर ह साल लाखों रुपये की कमाई कर रही हैं. जम्मू की रहने वाले 44 साल की रीतू स्लाथिया ने कोरोना काल में 2020 में ऑनलाइन गेम खेलना शुरू किया था. वर्चुअल वर्ल्‍ड से उन्‍हें उनके बेटे ने परिचित कराया था.

गेमिंग प्‍लेटफॉर्म ‘रूटर’ पर चार लाख फॉलोअर

रीतू ऑनलाइन गेम खेलकर सालाना डेढ़ लाख रुपये कमा रही हैं. यह आज उनकी इनकम का साधन बन गया है. ‘गेमिंग कम्‍युन‍िटी’ में ‘ब्लैकबर्ड’ के तौर पर पहचान बना चुकीं स्लाथिया के गेमिंग प्‍लेटफॉर्म ‘रूटर’ पर चार लाख फॉलोअर हैं. रीतू को बचपन से ही वीडियो गेम खेलने का शौक था. लेकिन उन्‍होंने इसे अब सीर‍ियसली लेना शुरू क‍िया और यह उनकी इनकम का साधन बन गया है.

12वीं तक ही पढ़ाई की
बातचीत के दौरान रीतू कहती हैं 'मैं ज्यादा पढ़ी-लिखी नहीं हूं, 12वीं तक ही पढ़ाई की है. मुझे गेम खेलना पसंद हैं. मैं शुरू से ही अपने लिए कमाना चाहती थी. जब मेरे बेटे ने मुझे ऑनलाइल गेम के बारे में बताया तो मैंने इन्हें खेलना शुरू कर दिया. मैं अब खेलने के साथ अपने लिए कमाई भी कर रही हूं.' स्लाथिया ने जम्मू के नेत्रीकोटी एर‍िया में बने अपने घर के एक कमरे को गेमिंग से जुड़ी एक्‍ट‍िव‍िटी के लिए समर्पित कर दिया है.

'मैं कोई भी गेम खेल सकती हूं'
उन्होंने कहा कि उन्होंने ‘कैंडी क्रश’ खेलना शुरू किया था. धीरे-धीरे वह 'बैटलग्राउंड्स मोबाइल इंडिया' खेलने लगीं. रीतू ने कहा ‘पार्टनर्स’ के कहने पर सभी गेम खेलने की कोशिश की. स्लाथिया ने कहा, 'लगातार गेम खेलने से मुझे पता चल गया कि इन्हें कैसे खेलना है. मैं कोई भी गेम खेल सकती हूं.' उन्होंने कहा कि उनके ‘पार्टनर्स’ उन्हें ‘मुमा’ बुलाते हैं. इन ‘पार्टनर्स’ में अधिकांश बच्चे ही हैं.

स्लाथिया ने यूट्यूब पर अपना गेमिंग चैनल भी शुरू कर दिया है. उन्होंने कहा कि इस सब में उनके परिवार ने उनका साथ दिया है. बेटे गौरव सिंह ने कहा, 'हमने कभी नहीं सोचा था कि उन्हें लोगों से इतना प्यार मिलेगा.' अपने कामकाज को मैनेज करके स्लाथिया गेम खेलने के लिए हर दिन तीन-चार घंटे निकालती हैं और सालाना डेढ़ लाख रुपये तक कमा रही हैं. (इनपुट भाषा)

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