Tax Collection: इस बार Tax पेयर्स ने व‍ित्‍त मंत्री को दी खुशखबरी, अगले बरस को लेकर हुई यह भव‍िष्‍यवाणी
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Tax Collection: इस बार Tax पेयर्स ने व‍ित्‍त मंत्री को दी खुशखबरी, अगले बरस को लेकर हुई यह भव‍िष्‍यवाणी

Budget 2023: अब तक हुए टैक्‍स कलेक्‍शन ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के बजट में निर्धारित टैक्‍स कलेक्‍शन के टारगेट को पार कर लिया है. मौजूदा वित्तीय वर्ष में 10 जनवरी तक शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह 19.55 प्रतिशत बढ़कर 12.31 लाख करोड़ रुपये हो गया.

Tax Collection: इस बार Tax पेयर्स ने व‍ित्‍त मंत्री को दी खुशखबरी, अगले बरस को लेकर हुई यह भव‍िष्‍यवाणी

Direct Tax Growth: इस व‍ित्‍तीय वर्ष में टैक्‍स कलेक्‍शन के मोर्चे पर सरकार को म‍िली खुशखबरी अगले साल कायम रहने की उम्‍मीद नहीं है. जी हां, व‍ित्‍तीय वर्ष 2023-24 में इनकम टैक्‍स और कॉरपोरेट टैक्‍स कलेक्‍शन में कमी आ सकती है. ग्‍लोबल लेवल पर सुस्ती और उच्च आधार प्रभाव के कारण मौजूदा 19.5 प्रतिशत की वृद्धि दर को अगले वित्तीय वर्ष में कायम रखना मुश्किल होगा. सरकारी सूत्रों की तरफ से इस बारे में आशंका जताई गई.

टारगेट का 86.68 प्रतिशत पूरा हुआ टैक्‍स कलेक्‍शन
आपको बता दें पर्सनल इनकम टैक्‍स और कॉरपोरेट टैक्‍स के रूप में टैक्‍स कलेक्‍शन मौजूदा वित्त वर्ष में रिकॉर्ड लेवल पर बढ़ा है. अब तक हुए टैक्‍स कलेक्‍शन ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के बजट में निर्धारित टैक्‍स कलेक्‍शन के टारगेट को पार कर लिया है. मौजूदा वित्तीय वर्ष में 10 जनवरी तक शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह 19.55 प्रतिशत बढ़कर 12.31 लाख करोड़ रुपये हो गया. यह पूरे फाइनेंश‍ियल ईयर के लिए अनुमानित टैक्‍स कलेक्‍शन का 86.68 प्रतिशत है. वित्त वर्ष में अभी ढाई महीने का समय बचा हुआ है.

टैक्‍स कलेक्‍शन में 19.5 प्रतिशत का इजाफा
फाइनेंश‍ियल ईयर 2023-24 के लिए 1 फरवरी को पेश होने वाले बजट में प्रतिकूल वैश्विक परिस्थितियों का असर देखा जा सकता है. सरकारी सूत्र ने कहा कि इस बजट में 19.5 प्रतिशत की मौजूदा कर वृद्धि को बनाए रख पाना मुश्किल होगा. सूत्र ने कहा, 'वित्त वर्ष 2023-24 में शुद्ध प्रत्यक्ष कर में 19.5 प्रतिशत की वृद्धि दर को कायम रख पाना मुश्किल होगा.'

उन्होंने कहा कि वैश्विक मंदी के खतरों को देखते हुए आयकर संग्रह में गिरावट आ सकती है. पहले अग्रिम अनुमानों के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष में देश की वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर सात प्रतिशत रह सकती है. हालांकि मौजूदा कीमतों पर यह वृद्धि 15.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है. अर्थशास्त्रियों का मानना है कि अगले वित्त वर्ष में भारत की वास्तविक वृद्धि दर 6-6.5 प्रतिशत रह सकती है. (Input : PTI)

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