RBI ने बैंक लॉकर के लिए अहम कदम उठाया है. RBI ने सुरक्षित जमा लॉकरधारकों के साथ संशोधित करार करने को बैंकों के लिए समयसीमा को दिसंबर अंत तक के लिए बढ़ा दिया है. इसकी वजह यह है कि अभी बड़ी संख्या में लॉकरधारक ऐसा नहीं कर पाए हैं.
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RBI: भारतीय रिजर्व बैंक ने सुरक्षित जमा लॉकरधारकों के साथ संशोधित करार करने को बैंकों के लिए समयसीमा को दिसंबर अंत तक के लिए बढ़ा दिया है. इसकी वजह यह है कि अभी बड़ी संख्या में लॉकरधारक ऐसा नहीं कर पाए हैं. अगस्त, 2021 में भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकों से कहा था कि वे बैंकिंग और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में विभिन्न घटनाक्रमों, उपभोक्ता शिकायतों की प्रकृति और साथ ही प्राप्त हुई प्रतिक्रियाओं के मद्देनजर मौजूदा लॉकरधारकों के साथ एक जनवरी, 2023 तक संशोधित समझौते करें.
बैंक
केंद्रीय बैंक ने बयान में कहा, ‘‘रिजर्व बैंक के संज्ञान में आया है कि बड़ी संख्या में ग्राहकों ने अभी तक संशोधित समझौते पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं. कई मामलों में, बैंकों ने अभी तक ग्राहकों को निर्धारित तिथि (1 जनवरी, 2023) से पहले ऐसा करने की जरूरत के बारे में सूचित नहीं किया है.’’ केंद्रीय बैंक ने मौजूदा जमा लॉकरों के लिए समझौतों के नवीकरण की प्रक्रिया को चरणबद्ध तरीके से पूरा करने के लिए समयसीमा को 31 दिसंबर, 2023 तक बढा दिया है.
बैंक लॉकर
बैंकों को 30 अप्रैल, 2023 तक संशोधित आवश्यकताओं के बारे में अपने सभी ग्राहकों को सूचित करने और यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि उनके मौजूदा ग्राहकों में से कम से कम 50 प्रतिशत और 75 प्रतिशत क्रमशः 30 जून और 30 सितंबर, 2023 तक संशोधित समझौतों को निष्पादित कर लें.
लॉकर
बैंकों को अपने ग्राहकों के साथ स्टाम्प पेपर की व्यवस्था, समझौते के इलेक्ट्रॉनिक निष्पादन, ई-स्टॉम्पिंग और ग्राहक को निष्पादित समझौते की एक प्रति प्रदान करने जैसे उपाय करके नए/पूरक स्टाम्प किए गए समझौतों के निष्पादन की सुविधा भी देनी होगी. जिन मामलों में एक जनवरी 2023 तक समझौते नहीं करने की वजह से लॉकरों का परिचालन बंद कर दिया गया है, उनके बारे में केंद्रीय बैंक ने ऐसी रोक को तत्काल हटाने का निर्देश दिया है. (इनपुट: भाषा)
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