Bank Locker: रिजर्व बैंक की तरफ से जारी नोटिफिकेशन के अनुसार बैंक में लॉकर लेने वाले ग्राहकों की शिकायत पर रिजर्व बैंक (RBI) ने नियमों में बदलाव किया है.
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Bank Locker Charges: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की तरफ से ग्राहकों की सुरक्षा और सहूलियत को ध्यान में रखते हुए नियमों में बदलाव किया जाता है. इस बार फिर से आरबीआई (RBI) ने बैंक लॉकर से संबंधित नियमों में बदलाव किया है. यदि आपने किसी बैंक में लॉकर लिया हुआ है और उसमें आपका सोना-चांदी या अन्य कीमती सामान रखा है तो इस खबर जरूर पढ़ लीजिए.
ग्राहक मुआवजा पाने का हकदार
रिजर्व बैंक की तरफ से जारी नोटिफिकेशन के अनुसार बैंक में लॉकर लेने वाले ग्राहकों की शिकायत पर रिजर्व बैंक (RBI) ने नियमों में बदलाव किया है. अक्सर ग्राहकों की तरफ से बैंक लॉकर्स में चोरी की शिकायतें आती रहती हैं. लेकिन अब लॉकर से कुछ भी चोरी हुआ तो संबंधित बैंक की तरफ से ग्राहक को लॉकर किराये का 100 गुने तक का मुआवजा दिया जाएगा.
वेटिंग लिस्ट नंबर डिस्पले पर लगाना होगा
दरअसल कई बार देखा गया कि बैंक चोरी की वारदात पर पल्ला झाड़ लेते थे. ग्राहक को कह देते थे कि इसमें उनकी किसी तरह की जिम्मेदारी नहीं है. आरबीआई की तरफ से दिए गए आदेश में कहा गया कि बैंकों को खाली लॉकर की लिस्ट, लॉकर के लिए वेटिंग लिस्ट नंबर डिस्पले पर लगाना होगा. इससे लॉकर सिस्टम में ज्यादा पारदर्शिता आएगी. आरबीआई का मानना है कि बैंक की तरफ से ग्राहक को अंधेरे में नहीं रखा जा सकता.
एक बार में ले सकेंगे अधिकतम 3 साल का किराया
आप जब भी लॉकर एक्सेस करेंगे तो इसका अलर्ट बैंक के जरिये आपको ई-मेल और एसएमएस पर दिया जाएगा. आरबीआई ने यह नियम किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी से बचाव के लिए बनाया है. बैंकों को लॉकर का अधिकतम तीन साल का किराया एक बार में लेने का हक है. यदि लॉकर का किराया 2000 रुपये है तो बैंक अन्य मेंटीनेंस चार्ज छोड़कर आपसे 6000 रुपये से ज्यादा शुल्क नहीं ले सकता.
लॉकर रूम में आने-जाने वालों की सीसीटीवी कैमरे से भी निगरानी जरूरी है. इसके अलावा सीसीटीवी की 180 दिन की फुटेज सुरक्षित रखना होगा. चोरी या अन्य किसी प्रकार की अनहोनी पर पुलिस सीसीटीवी फुटेज से जांच कर सकेगी.
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