Pitru Paksha 2023: आखिर पितृ पक्ष में क्यों मना होती है नई चीजों की खरीदारी? जानें इसके पीछे की मान्यताएं
Advertisement
trendingNow11854817

Pitru Paksha 2023: आखिर पितृ पक्ष में क्यों मना होती है नई चीजों की खरीदारी? जानें इसके पीछे की मान्यताएं

Pitru Paksha 2023: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पितृ पक्ष के दौरान कुछ चीजों को करने की मनाही होती है. इन दिनों में किसी भी शुभ कार्य को करना मना होता है. जानें कारण

pitru paksha 2023 rules

Shradh 2023 Rules In Hindi: भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि से पितृ पक्ष की शुरुआत होती है और अश्विन अमावस्या तक पितरों का श्राद्ध किया जाता है. बता दें कि पितृ पक्ष 16 दिन के होते हैं. मान्यता है कि इन दिनों में पितर धरती पर आते हैं और वंशजों से प्रसन्न होकर उन्हें आशीर्वाद प्रदान करते हैं. पितृ पक्ष के ये पूरे 16 दिन वंशजों को समर्पित होते हैं. बता  दें कि इस बात पितृ पक्ष की शुरुआत 29 सितंबर से हो रही है और इसका समापन 14 अक्टूबर के दिन होगा.     

पितृ पक्ष के दौरान पितरों का तर्पण, पिंडदान और श्राद्ध आदि किया जाता है. कहते हैं कि वंशजों द्वारा किए गए तर्पण, पिंडदान आदि से पितर तृप्ति हो जाते हैं और वंशजों को आशीर्वाद देकर लौटते हैं. जीवन में आ रहे आर्थिक संकट को दूर करते हैं और उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं.

शुभ कार्य करना होता है मना

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पितृ पक्ष के दौरान किसी भी तरह के शुभ कार्य नहीं किए जाते. धार्मिक ग्रंथों में पितृ पक्ष के दौरान शुभ कार्य जैसे शादी, नया घर खरीदना, गृह प्रवेश, शादी की खरीदारी आदि करना बिल्कुल मना होता है.  मान्यता है कि इस समय पितर अपने वंशजों के आत्मिक रूप से जुड़ते हैं. ऐसे में पितरों का ध्यान कर उनका आशीर्वाद लेना चाहिए. कहते हैं कि इस अवधि में खुद को किसी शुभ कार्य में न लगाकर उनका ध्यान करना चाहिए और उनका लगाव महसूस करना चाहिए. 

fallback

इसलिए नहीं किए जाते शुभ कार्य 

मान्यता है कि पितृ पक्ष के दौरान वंशज पितरों को सम्मान के रूप में याद करते हैं. इस समय नई चीजें खरीदना या फिर शुभ कार्य करना एक उत्सव के समान माना जाता है. इसलिए इस तरह के कार्यों को करना वर्जित माना जाता है. कहते हैं कि इस समय किसी भी प्रकार का शुभ कार्य या कोई नया सामान खरीदना पितरों को अपमान के समान लगता है. 

हो जाता है जल का अभाव

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार 16 दिन के लिए  पितर पितृ लोक से धरती पर आ जाते हैं. ऐसे में 16 दिनों में पितृलोक पर जल का अभाव हो जाता है. ऐसे में पितृपक्ष के दौरान पितरों का तर्पण आदि किया जाता है. ताकि पितर तृप्ति हो सकतें और इसी पितृऋण के कारण ही पितृपक्ष में शुभ कार्य वर्जित होते हैं.  
  
इसलिए नहीं खरीदते नई चीजें

16 दिन तक वंशज अपने पितरों के प्रति सम्मान प्रकट करते हैं उन्हें याद करते हैं. ये 16 दिन वही समय होता है जब पितरों को प्रसन्न किया जा सकता है. उन्हें प्रसन्न करने के लिए इन दिनों में पिंडदान, तर्पण और श्राद्ध आदि करना चाहिए. इस दौरान नई चीजें जैसे घर, गाड़ी, सोना आदि भी भूलकर न खरीदें. इस दौरान कोई भी नया काम करना वर्जित माना जाता है. 

आज से 31 दिसंबर तक मुश्किलों भरा होगा समय, बैठे-बिठाए तिजोरी खाली करने वाला है ये ग्रह! ये लोग रखें ध्यान
 

जया किशोरी ने बताया जन्माष्टमी पर लड्डू गोपाल को भोग लगाने का सबसे उत्तम तरीका, जरूर प्रसन्न होंगे भगवान
 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

Trending news