Car Safety: भारत में बनी इन दो SUV ने कर दिया बहुत बड़ा कारनामा, इससे पहले ऐसा कभी नहीं हुआ
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Car Safety: भारत में बनी इन दो SUV ने कर दिया बहुत बड़ा कारनामा, इससे पहले ऐसा कभी नहीं हुआ

Car Safety Rating: Skoda Kushaq और Volkswagen Taigun ने एडल्ट ऑक्यूपेंट प्रोटेक्शन में 34 के कुल स्कोर में से 29.64 पॉइंट्स हासिल किए हैं. चाइल्ड ऑक्यूपेंट प्रोटेक्शन में, दोनों मिडसाइज़ SUVs ने अधिकतम 49 पॉइंट्स में से 42 पॉइंट्स हासिल किए.

Car Safety: भारत में बनी इन दो SUV ने कर दिया बहुत बड़ा कारनामा, इससे पहले ऐसा कभी नहीं हुआ

Taigun & Kushaq Safety Rating: मेड-इन-इंडिया स्कोडा कुशाव और फॉक्सवैगन ताइगुन ने ग्लोबल एनसीएपी के क्रैश टेस्ट में 5-स्टार सेफ्टी रेटिंग हासिल की है. दोनों एसयूवी एक ही प्लेटफॉर्म- MQB AO IN पर बेस्ड हैं. इन्होंने एडल्ट्स और बच्चों, दोनों के लिए 5-स्टार रेटिंग हासिल की है. यह पहली बार है जब किसी कार को ग्लोबल एनसीएपी ने एडल्ट्स और बच्चों, दोनों के लिए 5-स्टार रेटिंग दी है. भारत में स्कोडा कुशाक की कीमत 11.29 लाख रुपये (एक्स-शोरूम) जबकि ताइगुन की कीमत 11.56 लाख रुपये (एक्स-शोरूम) से शुरू होती है.

Skoda Kushaq और Volkswagen Taigun ने एडल्ट ऑक्यूपेंट प्रोटेक्शन में 34 के कुल स्कोर में से 29.64 पॉइंट्स हासिल किए हैं. चाइल्ड ऑक्यूपेंट प्रोटेक्शन में, दोनों मिडसाइज़ SUVs ने अधिकतम 49 पॉइंट्स में से 42 पॉइंट्स हासिल किए. ग्लोबल एनसीएपी द्वारा साझा की गई रिपोर्ट के अनुसार, दोनों कारों ने साइड इफेक्ट टेस्ट में अच्छा प्रदर्शन किया. ग्लोबल एनसीएपी ने एसयूवी के बेस मॉडल का टेस्ट किया था, जो स्टैंडर्ड रूप से ईएससी (इलेक्ट्रॉनिक स्टेबिलिटी प्रोग्राम) के साथ आते हैं. 

कारों के फ्रंट इंपैक्ट टेस्ट में ड्राइवर और को-पैसेंजर के सिर तथा गर्दन के लिए अच्छी सेफ्टी का पता चला. इनमें ड्राइवर और को-पैसेंजर की छाती को भी पर्याप्त और अच्छी सेफ्टी मिलती है. इसके साथ ही, घुटनों के लिए भी अच्छी सेफ्टी पाई गई. वहीं, साइड इफेक्ट टेस्ट में सिर और पेट के लिए अच्छी सुरक्षा पाई गई जबकि छाती को मार्जिनल प्रोटेक्शन थी. साइड पोल इम्पैक्ट में कर्टेन एयरबैग्स ने अच्छी भूमिका निभाई. साइड हेड प्रोटेक्शन एयरबैग सिर को अच्छी सेफ्टी देते हैं.

फ्रंट इम्पैक्ट में 3 साल के बच्चे के लिए चाइल्ड सीट को आई-साइज़ एंकरेज और एक सपोर्ट लेग का उपयोग करके लगाया गया था. क्रैश टेस्ट में फ्रंट इम्पैक्ट  के दौरान बच्चों के सिर के लिए जोखिम कम रहा और सेफ्टी बेहतर रही.

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