Ola Electric Scooter के चक्कर में ठगे गए 1000 से ज्यादा लोग, ऐसे लगाया गया चूना
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Ola Electric Scooter के चक्कर में ठगे गए 1000 से ज्यादा लोग, ऐसे लगाया गया चूना

Online Scam: ईमेल फ्रॉड से लेकर सोशल मीडिया क्राइम, बैंकिंग फ्रॉड, लॉटरी स्कैम, गिफ्ट कार्ड फ्रॉड, फर्जी सरकारी वेबसाइट फ्रॉड, जॉब फ्रॉड, केवाईसी फ्रॉड जैसे कई तरह के स्कैम से साइबर अपराधी लोगों को ठग रहे हैं.

Ola Electric Scooter के चक्कर में ठगे गए 1000 से ज्यादा लोग, ऐसे लगाया गया चूना

Ola Electric Scooter Scam: ईमेल फ्रॉड से लेकर सोशल मीडिया क्राइम, बैंकिंग फ्रॉड, लॉटरी स्कैम, गिफ्ट कार्ड फ्रॉड, फर्जी सरकारी वेबसाइट फ्रॉड, जॉब फ्रॉड, केवाईसी फ्रॉड जैसे कई तरह के स्कैम से साइबर अपराधी लोगों को ठग रहे हैं. समय के साथ साइबर अपराधी अपने तौर-तरीकों को बदलते रहते हैं, जिससे लोगों के लिए उनसे बचना मुश्किल होता है. साइबर अपराधी कितने शातिर हो सकते हैं, इसका एक और उदाहरण सामने आया है, जिसमें ओला इलेक्ट्रिक की फर्जी वेबसाइट के जरिए 1,000 से ज्यादा लोगों को ठगा गया है. 

साइबर क्राइम पुलिस में प्राथमिकी दर्ज होने के बाद यह स्कैम सामने आया है. करीब 20 लोगों को हिरासत में लिया गया है और आगे की जांच की जा रही है. फिलहाल, यह साफ नहीं है कि जिन लोगों को ठगा गया था, उन्हें उनका पूरा पैसा वापस मिल जाएगा या नहीं. साइबर अपराधी आमतौर पर नकद लेनदेन या अन्य मुश्किल चैनलों के माध्यम से ठगी को अंजाम देते हैं. प्रारंभिक जांच के अनुसार, यह पता चला है कि यह स्कैम बेंगलुरु में दो व्यक्तियों द्वारा शुरू किया गया था. 

प्रारंभिक जांच में पता चला कि कथित घोटालेबाजों ने ओला इलेक्ट्रिक स्कूटर को बुक करने वाले लोगों को निशाना बनाने के लिए ओला इलेक्ट्रिक की फर्जी वेबसाइट बनाई थी. प्राथमिकी दर्ज कराने वाले व्यक्ति ने बताया कि स्कूटर बुक करने के क्रम में उसके साथ ठगी हो गयी. उसने पहले ओला ऐप का इस्तेमाल किया था, लेकिन उसमें फाइनेंस का विकल्प नहीं होने के कारण उसने इंटरनेट पर अन्य विकल्पों की तलाश शुरू की थी, जिसके बाद वह ओला इलेक्ट्रिक की फर्जी वेबसाइट पहुंचा.

इसके उसने नाम और मोबाइल नंबर जैसे विवरण वेबसाइट पर दर्ज किए. आरोप है कि जैसे ही व्यक्तिगत विवरण उपलब्ध कराया गया, इसे बिहार और तेलंगाना से संचालित गिरोह के अन्य सदस्यों के साथ साझा किया गया. इसके बाद, पीड़ित को कॉल आया और स्कूटर की बुकिंग के लिए 499 रुपये देने को कहा गया. इसे सही कॉल मानकर पीड़ित ने PayU ऐप के जरिए रकम का भुगतान कर दिया. इसके पीड़ित से डिलीवरी के नाम पर 13,000 रुपये भी लिए गए.

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