How Airbag works: 320Kmph की रफ्तार से खुलता है गाड़ी का एयरबैग, यहां जानिए पूरा प्रोसेस
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How Airbag works: 320Kmph की रफ्तार से खुलता है गाड़ी का एयरबैग, यहां जानिए पूरा प्रोसेस

How Airbags Works in Car: आपकी गाड़ी में दिए गए एयरबैग्स आपकी जान बचा भी सकते हैं, लेकिन अगर आपने सही रूल्स को फॉलो नहीं किया तो गाड़ी में चाहे कितने ही एयरबैग्स क्यों न हो, आपकी जान जा सकती है.

 

How Airbag works: 320Kmph की रफ्तार से खुलता है गाड़ी का एयरबैग, यहां जानिए पूरा प्रोसेस

How do airbags work to protect passengers: टाटा संस के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री की रविवार को सड़क हादसे में मौत (Cyrus Mistry Death) हो गई. उनकी लग्जरी कार Mercedes Benz GLC 220D डिवाइडर से टकरा गई, जिसमें मिस्त्री (54) और एक अन्य व्यक्ति की मौत हो गई. आपको यह भी बता दें कि उनकी मर्सिडीज गाड़ी में 7 एयरबैग्स मौजूद है. गाड़ी में कुल 4 लोग मौजूद थे, जिसमें से दो जीवित हैं, जबकि दो की मौत हो गई. इसकी वजह एयरबैग्स ही हैं. शुरुआती जांच में पता लगा है कि वह पीछे की सीट पर बैठे थे और उन्होंने सीट बेल्ट नहीं लगाई थी. 

आपकी गाड़ी में दिए गए एयरबैग्स आपकी जान बचा भी सकते हैं, लेकिन अगर आपने सही रूल्स को फॉलो नहीं किया तो गाड़ी में चाहे कितने ही एयरबैग्स क्यों न हो, आपकी जान जा सकती है. इसलिए आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि गाड़ी में दिए गए एयरबैग्स किस तरह काम करते हैं, और किस गलती की वजह से आपकी जान जा सकती है?

क्या होता है एयरबैग
एयरबैग गाड़ी का एक सेफ्टी सिस्टम होता है. इस सिस्टम में एयरबैग कुशन, फ्लैक्सिबल फेब्रिक, inflation मॉड्यूल और एक सेंसर शामिल होता है. एक बैग को इस तरह डिज़ाइन किया गया है कि एक्सीडेंट की स्थिति यह बहुत तेज़ी फुलकर हमारे आगे खुल जाए. एयरबैग का उद्देश्य टक्कर के दौरान वाहन में सवार व्यक्ति को कुशनिंग और सही लैंडिग देना है. यह तेजी से टकरा रहे पैसेंजर को गंभीर चोट से बचा सकता है. फिलहाल भारत में 2 एयरबैग्स देना अनिवार्य है, लेकिन कुछ गाड़ियों में 10 एयरबैग्स तक मिल जाते हैं. आमतौर पर एयरबैग्स ड्राइवर, पैसेंजर, साइड कर्टेन, घुटनों पर, बी पिलर और सी पिलर पर देखने को मिलते हैं. 

ऐसे काम करता है एयरबैग सिस्टम
जब एक्सीडेंट होता है, तो गाड़ी के क्रैश सेंसर एयरबैग ECU को जानकारी देते हैं कि टक्कर कितनी जोरदार है और किस तरफ से हुई है, आदि. इस इनफॉर्मेशन के आधार पर एयरबैग का क्रैश एल्गोरिथम यह तय करता है कि क्या टक्कर ऐसी है कि एयरबैग्स खुलने चाहिए या नहीं. टक्कर जोरदार होने की स्थिति में airbag को खुलने का संकेत भेजा जाता है. 

एयरबैग में सोडियम अजाइड गैस भरी होती है जो कि रासायनिक प्रक्रिया करके नाइट्रोजन गैस पैदा करती है, जिससे एयरबैग तुरंत फूल जाता है. एयरबैग एक सेकंड से भी कम समय में 320kmph की रफ्तार से खुलता है. हालांकि यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि इस दौरान आपने सीट बेल्ट जरूर पहनी हो. दरअसल सीट बेल्ट आपको ठीक जगह पर लैंड करने में सहायता करता है. अगर सीट बेल्ट नहीं होगी तो हो सकता है एयरबैग कहीं और खुल रहा हो और आप कहीं दूसरी जगह जाकर टकरा जाएं. 

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