Second Hand Cars: भारत में पुरानी कारों का बाजार बहुत तेजी से बढ़ा है. बड़ी संख्या में लोग पुरानी कारें खरीद और बेच रहे हैं. बड़ी-बड़ी कंपनियां पुरानी कारों को खरीदने-बेचने के व्यापार में आई हैं.
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Cons Of Buying Second Hand Cars: भारत में पुरानी कारों का बाजार बहुत तेजी से बढ़ा है. बड़ी संख्या में लोग पुरानी कारें खरीद और बेच रहे हैं. बड़ी-बड़ी कंपनियां पुरानी कारों को खरीदने-बेचने के व्यापार में आई हैं. मारुति, महिंद्रा और टोयोटा जैसी कार मैन्युफैक्चरर कंपनियां भी इस व्यापार में हैं. ऐसे में आप समझ सकते हैं कि भारत में पुरानी कारों के बाजार में कितना पोटेंशियल है. लेकिन, जब भी कोई व्यक्ति पुरानी कार खरीदने के बारे में सोचता है तो उसके मन में कई सवाल होते हैं. पुरानी कार खरीदने के अपने फायदे और नुकसान होते हैं. आपने पुरानी कार खरीदने का मन बनाया है तो जरूर ही फायदों के बारे में पहले ही सो चुके होंगे. इसलिए, आज हम आपको बताने वाले हैं कि अगर आप पुरानी कार खरीदते हैं तो आपको किन-किन चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है.
मेंटेनेंस खर्च
पुरानी कारों के मेंटेनेंस का खर्चा ज्यादा होता है. यह इनका सबसे बड़ा नुकसान होता है. क्योंकि, जैसे-जैसे कार के पार्ट्स पुराने होते हैं, वैसे-वैसे ही मेंटेनेंस खर्च बढ़ता जाता है. पुरानी कारों के साथ ऐसा बहुत होता है.
कम माइलेज
पुरानी कारों के साथ माइलेज की परेशानी भी सामने आती है. अगर आपने कोई ऐसी कार खरीद ली, जिसके पुराने ओनर से उसे सही से मेंटेन नहीं किया था तो वह कम माइलेज देगी, जो आपके लिए समस्या हो सकती है.
खराबी का खतरा
कई बार लोग कार में खराबी होने के कारण उसे बेचते हैं. जब लोगों को लगता है कि कार को सही कराने के बजाय उसे बेच देना ही बेहतर है, तब वह उसे बेचते हैं. अगर आपने ऐसी कार खरीद ली तो लेने के देने पड़ सकते हैं.
फीचर्स की कमी
सभी जानते हैं कि टेक्नोलॉजी कितनी तेजी से आगे बढ़ रही है. ऐसे में जब आप पुरानी कार खरीदते हैं तो आप एक तरीके से पुरानी टेक्नोलॉजी खरीद रहे होते हैं. यानी, सीधे शब्दों में कहें तो नई कारों के मुकाबले पुरानी कारों में आपको कम फीचर्स मिलते हैं.
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