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Bhadrapada Amavasya Upay: हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व है. भाद्रपद माह की अमावस्या इस बार शनिवार के दिन पड़ रही है. इसे भादो अमावस्या या फिर शनिश्चरी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन दान-स्नान, पुण्य, तर्पण और पिंडदान का विशेष महत्व बताया गया है. इस बार भादो अमावस्या 27 अगस्त के दिन पड़ रही है. शनिवार को होने के कारण ये कुछ राशि के जातकों के लिए बेहद खास मानी जाती है.
शनि की महादशी, साढ़े साती और ढैय्या से पीड़ित लोगों के लिए शनिवार की अमावस्या बहुत खास होती है. इस दिन कुछ ज्योतिष उपाय करने से शनि के अशुभ प्रभावों को कम किया जा सकता है. आइए जानें इस समय कौन सी राशियां साढ़े साती और ढैय्या से पीड़ित हैं और उन्हें कौन से उपाय करने चाहिए.
शनि साढ़े साती और ढैय्या से पीड़ित हैं ये राशि
बता दें कि इस समय शनि मकर राशि में वक्री अवस्था में हैं. ऐसे में धनु, मकर, कुंभ राशि इस समय शनि की साढ़े साती की मार झेल रहे हैं. वहीं, मिथुन, तुला राशि के जातकों पर ढैय्या चल रही है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि की साढ़े साती और ढैय्या से पीड़ित जातकों को शारीरित, मानसिक और आर्थिक रूप से कष्टों का सामना करना पड़ता है. शनि के अशुभ प्रभावों को कम करने के लिए 27 अगस्त को अमावस्या के दिन ये कुछ उपाय अवश्य करें.
शनि अमावस्या को कर लें ये उपाय
- सरसों के तेल से शनि देव की पूजा करें. इसके साथ ही काली उड़द की दाल से बनी इमरती को शनिवार के दिन शनिदेव को अर्पित करें.
- शनि अमावस्या से एक दिन पहले यानि शुक्रवार के दिन सवा किलो काली उड़द की दाल को कपड़े में बांध लें. इसे रात में अपने पास रखकर सो जाएं. इस बात का ध्यान रखें कि इस दौरान आप अकेले ही सोएं. इसके बाद अगले दिन शनि अमावस्या के दिन किसी शनि मंदिर में इस पोटली को रख दें. ऐसा करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है.
- शनिश्चरी अमावस्या के दिन छाया दान करें. एक कांसे की कटोरी में सरसों का तेल और एक का सिक्का डालकर मंदिर में दान कर दें. कटोरी सहित तेल को मंदिर या फिर किसी गरीब या जरूरतमंद को दान कर दें. पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं. इस उपाय को पांच शनिवार करने से शनिदोष से लाभ मिलेगा.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)