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Shadastak Yog Effect 2023: वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हर राशि का स्वामी ग्रह अलग होता है और उस ग्रह का प्रभाव उन राशि के जातकों पर साफ देखने को मिलता है. बता दें कि मेष और वृश्चिक राशि का स्वामी मंगल है. इसकी उच्च अवस्था मकर राशि और नीच अवस्था कर्क राशि मानी जाती है. बता दें कि 10 मई को मंगल ग्रह अपनी नीच राशि कर्क में प्रवेश कर चुके हैं और यहां 1 जुलाई तक विराजमान रहने वाले हैं. वहीं, शनि अपनी स्वराशि कुंभ में विराजमान हैं. ऐसे में शनि से षडाष्टक योग का निर्माण हो रहा है.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस योग का बेहद अशुभ और खतरनाक माना जाता है. कहते हैं ये अशुभ योग तब बनता है, जब दो ग्रह एक दूसरे से छठे और आठवें भाव में स्थित होते हैं. इस अशुभ योग के बनने से कई राशि वालों को दुख-दर्द, रोग, चिंता और दुर्भाग्य आदि का सामना करना पड़ता है. जानें 1 जुलाई तक किन राशि के जातकों संभलकर रहने की जरूरत है.
मिथुन राशि
बता दें कि इस राशि में मंगल का गोचर धन भाव में बना हुआ है. ऐसे में ये योग इन राशि वालों के स्वभाव में परिवर्तन करके उन्हें गुस्सैल बना सकता है. इस अवधि में इन जातकों को अपनी वाणी पर कंट्रोल रखने की जरूरत है. वाद-विवाद से खुद को दूर रखें. ज्योतिष अनुसार षडाष्टक योग बनने से इन राशि वालों को धन हानि का सामना करना पड़ सकता है. घर-परिवार में क्लेश का सामना करना पड़ सकता है. वाहन चलाते समय सावधानी बरतने की जरूरत है. इस दौरान कोई दुर्घटना घट सकती है.
सिंह राशि
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस राशि में मंगल का गोचर द्वादश भाव में हुआ है. ऐसे में इस राशि के जातकों को खर्च बेवजह बढ़ेगा. इतना ही नहीं, इस योग के चलते इन राशि वालों कों मानसिक और शारीरिक तनाव का सामना करना पड़ सकता है. पैसों का लेनदेन थोड़ा सावधानी के साथ करें, क्योंकि इससे हानि बढ़ सकती है.
धनु राशि
बता दें कि इस राशि में मंगल ने अष्टम भाव में गोचर किया है. ऐसे में षडाष्टक योग इस राशि के जातकों के लिए हानिकारक साबित होगा. इस समय व्यक्ति को स्वास्थ्य को लेकर सचेत रहने की जरूरत है. आर्थिक स्थिति कमजोर पड़ सकती है. परिवार में किसी बात को लेकर कलेश की स्थिति पैदा हो सकती है. वैवाहिक जीवन में भी अनबन के योग बन रहे हैं.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)