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Paush Amavasya Rules: साल 2022 की आखिरी अमावस्या 23 दिसंबर, शुक्रवार के दिन पड़ रही है. साल में 12 अमावस्या मनाई जाती हैं और हर अमावस्या का अपना महत्व होता है. पौष माह में आने वाली अमावस्या को पौष अमावस्या के नाम से जाना जाता है. कहते हैं कि इस माह में पितरों के श्राद्ध कर्म, तर्पण और दान आदि करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है.
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार अमावस्या तिथि के स्वामी पितर देवता माने गए हैं. इस दिन इस दिन पितरों की पूजा, तर्पण, श्राद्ध आदि की खास महत्व बताया गया है. इस दिन विष्णु जी और मां लक्ष्मी की कृपा पाने खास रूप से पूजा और उपाय किए जाते हैं. कहते हैं कि अमावस्या के दिन कुछ ऐसे भी काम बताए गए हैं, जिन्हें करने से व्यक्ति के जीवन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है. आइए जानते हैं आमावस्या तिथि पर क्या न करें.
पौष अमावस्या पर न करें ये काम
नए काम की शुरुआत- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अमावस्या तिथि पर सिर्फ पितरों को याद किया जाता है. ये दिन सिर्फ धर्म-कर्म करने का दिन है. शास्त्रों के अनुसार आज के दिन कोई भी नया काम, यात्रा और अन्य शुभ कार्य आदि नहीं करने चाहिए. इस दिन किसी भी प्रकार का बड़ा फैसला लेने से बचें क्योंकि इस दिन मन संतुलित नहीं रह पाता और नुकसान होने की संभावना बढ़ जाती है.
तुलसी और बेलपत्र न तोड़ें
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुछ खास तिथि और दिन तुलसी और बेलपत्र तोड़ने की मनाही होती है. ऐसा करने से आप पाप के भागीदार बन सकते हैं. अमावस्या तिथि पर भी तुलसी और बेलपत्र आदि नहीं तोड़े जाते. अगर आप ऐसा करते हैं, तो इसका हरजाना आपको जीवनभर भुगतना पड़ेगा.
अपने ही घर करें भोजन
अमावस्या तिथि के दिन किसी दूसरे के घर पर भोजन करने से बचें. कहते हैं कि इससे पुण्यह्रास होता है. इसके साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि अमावस्या पर किसी से भोजन सामग्री भी उधार नहीं लेनी चाहिए. इससे आपका जीवन संकट से भर सकता है.
सुनसान जगहों पर जाने से बचें
मान्यता है कि इस दिन नकारात्मक शक्तियां ज्यादा सक्रिय होती हैं. ऐसे में कहीं भी सुनसान जगहों पर जाने से परहेज करें. कहते हैं कि जिन लोगों का आत्मविश्वास ज्यादा कमजोर होता है बुरी शक्तियां उन पर जल्दी हावी हो जाती हैं. ऐसे में इस तरह के लोग तो बिल्कुल भी न जाएं.
पेड़ों को न तोड़ें
हिंदू धर्म में पेड़-पौधों का विशेष महत्व बताया गया है. बहुत से पेड़-पौधे ऐसे हैं जिनमें देवी-देवताओं का वास होता है. ऐसे में पीपल, बबूल, बरगद, नीम, आंवले का पेड़ आदि को गलती से भी नुकसान न पहुंचाएं. कहते हैं कि इन्हें क्षति पहुंचाने से व्यक्ति को पितृ दोष लगता है और भगवान विष्णु को क्रोध का सामना करना पड़ता है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)