3 दिन बाद मां लक्ष्मी और पितरों को प्रसन्न करने का सुनहरा मौका, इस अद्भुत संयोग में जरूर करें ये उपाय
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3 दिन बाद मां लक्ष्मी और पितरों को प्रसन्न करने का सुनहरा मौका, इस अद्भुत संयोग में जरूर करें ये उपाय

Bhadrapada Purnima upay: भाद्रपद की पूर्णिमा के दिन एक अद्भुत संयोग बन रहा है, जिसमें भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी के साथ अपने पितरों को कैसे प्रसन्न कर सकते हैं. इसके लिए कुछ उपाय कर सकते हैं जिससे व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी हो सकती है.

 

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Shraddh Purnima 2023: हिंदू मान्यताओं के अनुसार भाद्रपद महीने की पूर्णिमा का बड़ा महत्व है. भाद्रपद की पूर्णिमा से ही श्राद्ध पक्ष भी शुरू हो जाता है. यही कारण है कि भाद्रपद की पूर्णिमा को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है. इस बार भाद्रपद मास की पूर्णिमा 29 सितंबर यानी कि शुक्रवार को है. पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विधि विधान से पूजा की जाती है, जो कि बहुत ही कल्याणकारी माना जाता है.

पूर्णिमा के दिन पवित्र नदियों में स्नान कर के गरीबों और ब्राहम्णों को दान किया जाता है, इससे पुण्य की प्राप्ति होती है. भाद्रपद मास की पूर्णिमा के दिन से ही पितृपक्ष शुरू है, इसलिए इस दिन अपने पितरों को याद कर उनका आर्शिवाद पाने के लिए श्राद्ध कर्म भी करना चाहिए. यह अद्भुत संयोग बन रहा है कि पूर्णिमा और पितृ पक्ष एक साथ पड़ रहा है. इसलिए इस दिन विधि विधान से विष्णु भगवान की पूजा के साथ पितृ दोष से बचने के लिए कुछ उपाय अपना सकते हैं. आइए जानें इन उपायों के बारे में.

भाद्रपद पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त 2023

भाद्रपद मास की पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त 28 सितंबर से शुरू होगा. जो शाम के 6 बजकर 50 मिनट से लेकर अगले दिन 29 सितंबर को दोपहर 3 बजकर 28 मिनट तक रहने वाला है. वहीं पूर्णिमा के दिन पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र रहने वाला है. वहीं चंद्रमा इस दिन मीन राशि में रहेगी. इसी दिन गणेश चतुर्थी का आखिरी दिन यानी अनंत चतुर्दशी है. इस बात का ध्यान रखें कि व्रत रखने वाले 28 सितंबर को व्रत तो रख सकते हैं पर दान पुण्य का काम अगले दिन यानि कि 29 सितंबर को करें.

जानें पूर्वजों के आत्मा की शांति के उपाय

पितरों की आत्मा की शांति के लिए पूर्णिमा के दिन यानी 29 सितंबर को एक कटोरी में गंगा जल लें. अब अपने अपने पूर्वजों का नाम लें और उनका मनन करें. फिर इस जल को पूरे घर में छिड़क दें या फिर किसी पौधे में डाल दें. इसके साथ ही अपने पितरों के नाम से  ब्राह्मण या गरीबों को दान दें. वहीं धन की देवी मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए माता को लाल रंग के फूल और इत्र चढ़ाएं. इसके बाद सूक्त स्तोत्र का पाठ करें.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

 

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