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Angarak Yog In Aries: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार किसी भी ग्रह का दूसरे ग्रह के साथ मिलना युति कहलाता है. ये युति कुछ राशि के जातकों के लिए शुभ तो कुछ के लिए अशुभ साबित होती है. 27 जुलाई को मंगल ग्रह ने मेष राशि में गोचर किया था. जहां अंगारक योग का निर्माण हो रहा है. बता दें कि ये अशुभ योग पाप ग्रह राहु और उग्र ग्रह मंगल की युति से बनता है. अभी ये दोनों ग्रह मेष में विराजमान हैं और इस कारण इसमें अंगारक योग बन रहा है. जानें इस दौरान क्या सावधानी बरती जानी चाहिए.
कब तक है अंगारक योग
पंचाग की मानें तो मेष राशि में अंगारक योग का निर्माण 27 जुलाई को हुआ था और 10 अगस्त ये योग रहने वाला है. यानि 7 दिन बाद मेष राशि के जातकों को इस अशुभ योग से मुक्ति मिल जाएगी. 10 अगस्त को मंगल ग्रह मेष राशि से निकलकर वृषभ राशि में प्रवेश कर जाएंगे.
मेष में राहु गोचर
मेष राशि से मंगल ग्रह 10 अगस्त को गोचर कर वृषभ राशि में प्रवेश कर जाएंगे, लेकिन 30 अक्टूबर राहु ग्रह मेष राशि में ही विराजमान रहने वाले हैं. राहु ग्रह को शुभ ग्रह नहीं माना गया है. इसे पापी ग्रह माना गया है. जब ये मेष राशि में प्रवेश करता है, तो व्यक्ति के जीवन में अचानक होने वाली घटनाएं बढ़ने लगती हैं. व्यक्ति को ऐसे में इस तरह की स्थिति के लिए तैयार रहना चाहिए.
अंगारक योग का प्रभाव
ज्योतिष शास्त्र में अंगारक योग को अशुभ ग्रह माना गया है. ऐसी मान्यता है कि जिस व्यक्ति की कुंडली में ये योग बनता है, उसके स्वभाव में क्रूरता आती है. छोटी-छोटी बातों पर विवाद होने लगते हैं. इतना ही नहीं दांपत्य जीवन पर भी इसका प्रभाव देखने को मिलता है. पति-पत्नी के बीच कलह कलेश बढ़ने लगते हैं. अंगारक योग के चलते व्यक्ति कोई गलत कदम भी उठा सकता है.
रखें इन बातों का खास ख्याल
10 अगस्त तक मेष राशि के जातकों को थोड़ा सतर्क रहने की जरूरत है. उन्हें कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना होगा.
- किसी को गलत बातें न बोलें.
-क्रोध पर नियंत्रण रखें.
- ज्यादा उत्साहित न हों.
- नशा आदि से दूरी बनाए रखें.
- हनुमान जी की पूजा करें.
- ओम नमः शिवायः मंत्र का जाप करें.
- गाय की सेवा से लाभ होगा.
- धन का सही प्रयोग करें.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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