शराब के सेवन पर WHO ने भी वही कहा, जो सदियों से कहता आ रहा है इस्लाम
Advertisement
trendingNow,recommendedStories0/zeesalaam/zeesalaam1524410

शराब के सेवन पर WHO ने भी वही कहा, जो सदियों से कहता आ रहा है इस्लाम

WHO Guideline on Alcohal: डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि एक हालिया रिसर्च के मुताबिक, शराब की ऐसी कोई सीमा नहीं है, जिसे यह कहा जाए कि इतनी पीने से यह सेहत के लिए नुकसानदेह नहीं है. शराब पीने से सात तरह के कैंसर और दिल की बीमारियों का खतरा कई गुणा ज्यादा बढ़ जाता. 

अलामती तस्वीर

नई दिल्लीः शराब पीने के लिए इसे पीने वालों के हजारों तर्क हैं, जो उन्होंने अपनी सुविधा के हिसाब से गढ़ लिये हैं. जैसे- कम और थोड़ी मात्रा में शराब पीना सेहत के लिए नुकसानदेह नहीं होता है. गम भुलाने के लिए शराब जरूरी होता है, वगैरह-वगैरह! कई बार कुछ रिसर्च भी इस तरफ इशारा कर देते हैं कि कम मात्रा में ली गई शराब सेहत के लिए फायदेमंद होती है. लेकिन अब आप इन सारे तर्कों को खारिज कर दीजिए और पीते हैं, तो आज से ही इस नामुराद शै से तौबा का लीजिए. एक नए रिसर्च में शराब को लेकर चेताया गया है कि इसकी कम खुराक भी आपकी सेहत बिगाड़ने के लिए काफी है. यानी शराब के सेवन की कोई सुरक्षित सीमा नहीं होती है. किसी भी मात्रा में इसका सेवन सेहत के लिए  हानिकारक हो सकता है. 
शराब को लेकर यही बात सदियों से इस्लाम भी कहता आ रहा है. इसलिए शराब को हराम करार दिया गया है, यानी इसका किसी रूप में भी सेवन को इस्लाम निषिद्ध करता है और इसे इंसानों के लिए नुकसानदेह बताता है. 

इस्लाम शराब को लेकर बेहद सख्त 
पैगम्बर मोहम्मद साहब ने कहा था, “अल्लाह ने लानत भेजी है, शराब पर, उसके पीने वालों पर, पिलाने वालों पर, बेचने वालों पर, उसे खरीदने वालों पर.’’ इस्लाम शराब को लेकर इतना सख्त है कि दवा के तौर पर भी इसका सेवन करने से मना किया है. कहा गया है कि शराब कोई दवा नहीं बल्कि अपने आप में एक बीमारी है. इसलिए मोहम्मद साहब ने कहा था कि जिस चीज की ज्यादा मात्रा नशा पैदा करे, उसकी थोड़ी मात्रा भी हराम है.’’ कुरान की 5.10, 5.11, 5.12, 4.43 आयतों में शराब को लेकर स्पष्ट आदेश दिए गए हैं. शराब के कम मात्रा में सेवन को लेकर इस्लामिक रिर्सच स्कॉलर मौलाना अबुल्लैस इस्लाही नदवी कहते हैं, “ इस्लाम में शराब या किसी भी नशीले पदार्थ के कम मात्रा में सेवन की भी इजाजत नहीं है. 

कैंसर की बीमारी की वजह बन रही है शराब 
विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा ‘लांसेट’ शोध मैगजीन में प्रकाशित एक लेख में इसकी जानकारी दी गई है. कैंसर पर रिसर्च करने वाली अंतरराष्ट्रीय एजेंसी ने एस्बेस्टस (एक तरह का खनिज), विकिरण और तंबाकू के साथ ही शराब को हाई रिस्क वाले समूह-1 ‘कार्सिनोजेन’ (कैंसर कारक) के रूप में चिन्हित किया है, जो दुनियाभर में कैंसर की बीमारी की वजह बन रहे हैं. रिसर्च में पाया गया है कि शराब का सेवन कम से कम सात तरह के कैंसर की वजह बनती है, जिसमें आंत का कैंसर और स्तन कैंसर बेहद आम हैं.

20 ग्राम से कम मात्रा की शराब भी नुकसानदेह 
शराब जैविक तंत्र के जरिए कैंसर की वजह बनती है क्योंकि यौगिक जिस्म के अंदर पहुंचकर टूट जाते हैं, जिसका मतलब है कि अल्कोहल बेस्ड कोई भी पेय पदाथ, चाहे इसकी मात्रा और क्वाइलिटी कैसी भी हो, कैंसर का खतरा पैदा करता है.  डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, यूरोपीय देशों में साल 2017 के दौरान कैंसर रोग के 23,000 नए मामले सामने आए थे, जिनमें से 50 फीसदी की वजह शराब का प्रतिदिन 20 ग्राम से कम मात्रा में सेवन करना था. 

कैंसर रोग के लिए ज्यादा खतरनाक है शराब
डब्ल्यूएचओ के मुताबिक यह साबित करने के लिए ऐसा कोई रिसर्च नहीं है जिससे पता चल सके कि शराब क सेवन से हृदय रोगों और टाइप-टू मधुमेह की तुलना में कैंसर रोग के लिए ज्यादा जोखिम भरा होता है. लेकिन इस बात के पर्याप्त सबूत हैं कि ज्यादा मात्रा में शराब पीने से दिल की बीमारियों का खतरा निश्चित तौर पर बढ़ जाता है. रिसर्च में यह भी पाया गया है कि यूरोपीय क्षेत्र में शराब की खपत सबसे ज्यादा है, और 20 करोड़ से ज्यादा लोगों को शराब की वजह से कैंसर होने का खतरा है.

Zee Salaam

Trending news