Economy of Pakistan: पाकिस्तानी रुपया बुधवार को 230 रुपये फी डॉलर पर बंद हुआ था. गुरुवार को बाज़ार खुलने के कुछ ही घंटों के अंदर गिरावट होते हुए यह 255 रुपये तक पहुंच गया. हुकूमत ने इस पर फिलहाल कोई बयान जारी नहीं किया है.
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Pakistani Economy: पाकिस्तान में इन दिनों हालात ठीक नहीं हैं. पाकिस्तानी रुपये में लगातार गिरावट का सिलसिला जारी है. नक़दी संकट से जूझ रहे पाकिस्तान की करेंसी में बृहस्पतिवार को डॉलर के मुक़ाबले बड़ी गिरावट दर्ज की गई. सरकार के इस इशारे के बाद मुद्रा के मूल्य में गिरावट आई है कि वह अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से राहत पैकेज की अगली किस्त को लेकर उसकी कठिन शर्तों को मानने के लिए रज़ामंद है. पाकिस्तानी रुपया बुधवार को 230 रुपये फी डॉलर पर बंद हुआ था जबकि बृहस्पतिवार को बाज़ार खुलने के कुछ ही घंटों के अंदर इसमें और कमी नज़र आई और यह 255 रुपये तक पहुंच गया.
IMF की शर्तों को मानने के लिए तैयार हुआ पाकिस्तान
सरकार ने इस मामले में फिलहाल कोई बयान नहीं दिया है. पाकिस्तान कर्ज लौटाने को लेकर चूक से बचने के लिए छह अरब डॉलर के राहत पैकेज में से 1.1 अरब डॉलर की अहम किस्त हासिल करना चाहता है. राहत पैकेज जारी करने के लिए पाकिस्तान, मुद्राकोष से बात कर रहा है. इस पूरे मामल में विश्लेषक अहसान रसूल का कहना है कि रुपये में गिरावट इस बात का संकेत है कि पाकिस्तान इस समय बहुत जरूरी कर्ज आईएमएफ से प्राप्त करने के बहुत करीब है. कुछ दिन पहले ही पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ ने कहा था कि उनकी सरकार पिछले कुछ महीनों से रुके छह अरब डॉलर के राहत पैकेज को बहाल कराने के लिए आईएमएफ की मुश्किल शर्तो को मानने के लिए तैयार है.
सबसे बुरे आर्थिक दौर से गुज़र रहा है पाक
पाकिस्तान विदेशी मुद्रा भंडार में कमी के बीच सबसे बुरे आर्थिक दौर से गुजर रहा है. जानकारों के अनुसार पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार 4.34 बिलियन डॉलर का ही रह गया है, जो तक़रीबन खाली होने जैसा है.बता दें कि पाकिस्तान का निर्यात भी काफी मुश्किल वक़्त का सामना कर रहा है. दरअसल, पाकिस्तान में काम करने वाली ग़ैर मुल्की शिपिंग कंपनियां उसके लिए अपनी सर्विस बंद करने के बारे में सोच रही हैं. ऐसे हालात में पाकिस्तान के सभी एक्सपोर्ट ठप हो सकते हैं. पाकिस्तान शिप एजेंट एसोसिएशन (PSAA) के चेयरमैन अब्दुल रऊफ ने फाइनेंस मिनिस्टर इस्हाक़ डार को ख़त लिखकर चेतावनी दी है कि शिपिंग सेवाओं में कोई भी तरह की रुकावट देश के इंटरनेशनल ट्रेड के लिए नई मुश्किल पैदा कर सकता है.
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