Crude Oil: पाकिस्तान इस क़ीमत पर रूस से ख़रीदना चाहता है कच्चा तेल; वैश्विक स्तर पर बहुत ज़्यादा हैं दाम
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Crude Oil: पाकिस्तान इस क़ीमत पर रूस से ख़रीदना चाहता है कच्चा तेल; वैश्विक स्तर पर बहुत ज़्यादा हैं दाम

Crude Oil: नक़दी की तंगी से जूझ रहा पाकिस्तान 50 डॉलर फी बैरल पर रूस से कच्चा तेल ख़रीदने के लिए बड़े पैमाने पर कोशिश कर रहा है, जबकि वैश्विक स्तर पर इस समय कच्चा तेल 82.78 डॉलर फी बैरल पर बिक रहा है.

Crude Oil: पाकिस्तान इस क़ीमत पर रूस से ख़रीदना चाहता है कच्चा तेल; वैश्विक स्तर पर बहुत ज़्यादा हैं दाम

Pakistan Purchase Crude Oil From Russia: पाकिस्तान आर्थिक संकट के दौर से गुज़र रहा है. इस दरमियान वो रूस से 50 डॉलर फी बैरल की दर से कच्चा तेल ख़रीदना चाहता है. नक़दी संकट से जूझ रहा पाकिस्तान रूस से 50 डॉलर फी बैरल की दर से कच्चा तेल ख़रीदने के लिए ठोस क़दम उठा रहा है. यह दाम यूक्रेन-रूस जंग की वजह से जी-7 देशों द्वारा तय मूल्य सीमा 10 डॉलर फी बैरल से कम है. रविवार को प्रकाशित कुछ न्यूज़ पेपर में यह जानकारी दी गई. कच्चा तेल इस वक़्त दुनियाभर में 82.78 डॉलर फी बैरल की दर से बेचा जा रहा है.

कच्चा तेल ख़रीदने के लिए उतावला है पाकिस्तान
अपने सबसे बुरे आर्थिक दौर और भारी क़र्ज़ का सामना कर रहा पाकिस्तान रूस से रियायती दरों पर कच्चा तेल ख़रीदने के लिए उतावला नज़र आ रहा है. न्यूज़ पेपर 'द न्यूज' के मुताबिक़, रियायती दरों पर कच्चा तेल ख़रीदने की पाकिस्तान की अपील पर मास्को तभी प्रतिक्रिया देगा जब पड़ोसी देश भुगतान का ज़रिए, प्रीमियम के साथ शिपिंग लागत और बीमा लागत जैसी सभी संबंधी औपचारिकताएं पूरी कर लेगा. मास्को से कच्चे तेल की पहली खेप अप्रैल के आख़िर तक पाकिस्तान पहुंच सकती है. इसके बाद भविष्य में और बड़ा सौदा हो सकता है. रिपोर्ट में इस बात का ज़िक्र किया गया है कि रूस के बंदरगाहों से कच्चा तेल पहुंचने में 30 दिन लगेंगे.

रूस पहले ख़ारिज कर चुका है पाक की अपील
ऐसे में ट्रांसपोर्ट लागत की वजह से कच्चे तेल के दाम फी बैरल 10-15 डॉलर बढ़ जाएंगे. न्यूज़ पेपर द एक्सप्रेस ट्रिब्यून के मुताबिक़, रूस पहले तेल समझौता करने के सिलसिले में पाकिस्तान की स्थिति को लेकर फिक्रमंद था लेकिन हाल ही में दोनों मुल्कों के अधिकारियों की मीटिंग के बाद मास्को ने इस्लामाबाद को शुरुआत में तेल का एक जहाज़ भेजने पर रज़ामंदी ज़ाहिर की है. रिपोर्ट के मुताबिक़, चूंकि पाकिस्तान में अमेरिकी डॉलर का बोहरान है तो वह रूस को मित्र देशों- चीन, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात की मुद्राओं में भुगतान करेगा. रूस ने बीते साल दिसंबर में 30 फीसद की छूट पर कच्चा तेल देने के पाकिस्तान की अपील को ख़ारिज कर दिया था. 

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