पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने खोली यूनिवर्सिटी; नहीं मिली मान्यता, 2 साल में आए सिर्फ 100 छात्र
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पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने खोली यूनिवर्सिटी; नहीं मिली मान्यता, 2 साल में आए सिर्फ 100 छात्र

Ex.Prime Minister Imran Khan's university Al Qadir Institute: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने पंजाब प्रांत में अल-कादिर इंस्टीट्यूट नाम से एक यूनिवर्सिटी खोली थी, लेकिन पंजाब उच्च शिक्षा आयोग ने इसे अभी तक मान्यता नहीं दी है और पिछले दो सालों में सिर्फ 100 छात्रों ने एडमिशन लिया है. 

 

पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने खोली यूनिवर्सिटी; नहीं मिली मान्यता, 2 साल में आए सिर्फ 100 छात्र

इस्लामाबादः पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के सपनों की यूनिवर्सिटी अल-कादिर इंस्टीट्यूट ने अपनी स्थापना के दो साल बाद भी सिर्फ 100 छात्रों का नामांकन करा पाई है. सोमवार को एक मीडिया रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है. वहीं, झेलम के सोहावा में 2021 में स्थापित पीटीआई सद्र के विश्वविद्यालय को अभी भी पंजाब सरकार द्वारा विश्वविद्यालय के तौर पर मान्यता नहीं दी गई है. अपने स्थापना के पहले साल में, अल-कादिर संस्थान ने 41 छात्रों को दाखिला दिया था, जबकि दूसरे साल में सिर्फ 60 छात्रों ने यहां एडमिशन लिया. 

सिर्फ प्रबंधन और इस्लामी अध्ययन की पढ़ाई 
संस्थान एक ट्रस्ट के तौर पर पंजीकृत होने के बावजूद अपने छात्रों से फीस लेता है. ट्रस्ट के नियमों के मुताबिक, अल-कादिर ट्रस्ट के सभी तरह के खर्चों को एक बड़े कारोबारी द्वारा वहन किया जा रहा है. अल-कादिर इंस्टीट्यूट के ट्रस्टियों में से एक, आरिफ नजीर बट ने कहा है कि पंजाब उच्च शिक्षा आयोग (पीएचईसी) ने अभी तक अल-कादिर संस्थान को डिग्री देने के लिए अधिकृत नहीं दिया है, और संस्थान अभी भी सरकारी विश्वविद्यालय से संबद्ध है. यहां सिर्फ प्रबंधन और इस्लामी अध्ययन की पढ़ाई कराई जा रही है. आरिफ ने दावा किया है कि प्रक्रिया अपने अंतिम चरण में है और जल्द ही हमें डिग्री देने का दर्जा दिया जाएगा.

सिर्फ 10 फीसदी छात्रों से ली जाती है फीस
अल-कादिर संस्थान के प्रभारी अमजदुर रहमान ने इस बात को कबूल किया है कि संस्थान ने अब तक सिर्फ 100 छात्रों का नामांकन किया है. उन्होंने कहा, “पहले बैच में, हमने 40 छात्रों को नामांकित किया था, और 60 को दूसरे बैच में. इनमें 20 इस्लामी अध्ययन में और 40 प्रबंधन के छात्र हैं. यह पूछे जाने पर कि क्या वे छात्रों से फीस वसूलते हैं, अमजद ने कहा कि कुल छात्रों में से केवल 10 फीसदी छात्रों से फीस ली जाती है. अमजद ने कहा, “फीस इसलिए ली जाती है ताकि छात्र पढ़ाई के प्रति प्रेरित रहें और संस्थान खुद स्वतंत्र हो जाए. 

संसाधनों की नहीं है कमी 
संस्थान के शुरुआत में, एक बड़े कारोबारी ने अल-कादिर संस्थान को 458 कनाल जमीन दान की थी, जो कि स्टाम्प पेपर के मुताबिक, 2019 में 244 मिलियन पाकिस्तानी रुपये कीमत की थी.जमीन को पहले जुल्फी बुखारी को हस्तांतरित किया गया था, जिन्होंने बाद में जनवरी 2021 में इसकी तामीर के बाद इसे ट्रस्ट को हस्तांतरित कर दिया. यह जमीन मौजा बकराला, तहसील सोहावा, जिला झेलम में स्थित है. जनवरी 2021 से दिसंबर 2021 तक ट्रस्ट को 180 मिलियन पाकिस्तानी मुद्रा दान में मिले थे. जुलाई 2020 से जून 2021 तक, ट्रस्ट की कुल आय 101 मिलियन पाकिस्तानी रुपये थी.

Zee Salaam

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