दुनिया के सबसे महंगे आलू की क़ीमत जानकर होगी हैरानी; हज़ारों रुपये फ़ी किलो है दाम
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दुनिया के सबसे महंगे आलू की क़ीमत जानकर होगी हैरानी; हज़ारों रुपये फ़ी किलो है दाम

World Most Expensive Potato: सब्ज़ियों में आलू को ख़ास मक़ाम हासिल है. बाज़ार में आलू की क़ीमत  30 से 50 रुपये फी किलो के दरमियान ही होती है. ऐसे में अगर एक किलो आलू की क़ीमत 40 से 50 हज़ार रुपये बताई जाए, तो सुनकर हैरानी होना लाज़मी है.

दुनिया के सबसे महंगे आलू की क़ीमत जानकर होगी हैरानी; हज़ारों रुपये फ़ी किलो है दाम

World Most Expensive Potato: सब्ज़ियों में आलू को ख़ास मक़ाम हासिल है. इसे सब्ज़ियों का राजा कहना बिल्कुल भी ग़लत नहीं है. आलू में कोलेस्ट्रॉल नहीं होता है बल्कि इसमें फाइबर, पोटेशियम, विटामिन सी और बी 6 भरपूर मात्रा में पाया जाता है. आलू को पसंद करने की सबसे बड़ी वजह यह है कि इससे बहुत सारे पकवान बनाए जा सकते हैं. बाज़ार में आलू की क़ीमत  30 से 50 रुपये फी किलो के दरमियान ही होती है. ऐसे में अगर एक किलो आलू की क़ीमत 40 से 50 हज़ार रुपये बताई जाए, तो सुनकर हैरानी होना लाज़मी है.

ला बोनोटे आलू दुनिया की पांच सबसे महंगी सब्ज़ियों में शामिल 
दुनिया में आलू की एक ऐसी वैरायटी की खेती की जाती है, जिसकी एक किलो की क़ीमत  तक़रीबन 50 हज़ार है. Le Bonnotte नाम के इस ख़ास आलू की खेती फ्रांस के द्वीप Ile de Noirmoutier में होती है. रेतीली मिट्टी पर इस आलू की खेती को एक ख़ास तरीक़े से किया जाता है. समुद्री शैवाल इसके खाद के तौर पर काम करते हैं. कहा जाता है कि इसकी खेती सिर्फ 50 वर्ग मीटर की ज़मीन पर ही की जाती है.  Le Bonnotte नाम के आलू का शुमार दुनिया की पांच सबसे महंगी सब्ज़ियों की लिस्ट में किया जाता है.

दुर्लभ प्रजाति की कैटेगरी में होता है शुमार
Potatoreview वेबसाइट के अनुसार, फ़ी किलोग्राम इसकी औसत क़ीमत 500 यूरो यानी तक़रीबन 44,282 रुपए फी किलो है,हालांकि इसकी क़ीमत कम और बढ़ती रहती है.वर्ल्ड  मीडिया कंपनी कोंडे नास्ट ट्रैवल ने इसे दुनिया की पांच सबसे महंगी सब्ज़ियों में शुमार किया है. इस आलू को नायाब नस्ल (दुर्लभ प्रजाति) की कैटेगरी में रखा गया है. Le Bonnotte आलू की वैरायटी  हर साल सिर्फ़ 10 दिनों के लिए ही पाई जाती है. साथ ही इसकी खेती के लिए बेहद एहतियात बरतनी पड़ती है . ला बोनोटे आलू को लगाने के तीन महीने बाद इसकी खुदाई करके इसे निकाला जाता है. फरवरी में इस ख़ास आलू की बुवाई और मई के माह में इसकी खुदाई की जाती है. साथ ही इसे ज़मीन से निकालने के लिए हल्के हाथ का इस्तेमाल करना पड़ा है, वर्ना इसको नुक़सान हो सकता है.

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