Kanwar Yatra 2024: पाकिस्तानी पत्रकार ने कावड़ पर परा पूछा सवाल, यूएस ने दिया ये जवाब
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Kanwar Yatra 2024: पाकिस्तानी पत्रकार ने कावड़ पर परा पूछा सवाल, यूएस ने दिया ये जवाब

Kanwar Yatra 2024: कावड़ यात्रा को लेकर एक पाकिस्तानी पत्रतार ने यूएस से सवाल पूछा. इस दौरान अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने उसे इस बारे में बताया.

Kanwar Yatra 2024: पाकिस्तानी पत्रकार ने कावड़ पर परा पूछा सवाल, यूएस ने दिया ये जवाब

Kanwar Yatra 2024: बीजेपी शासित दो राज्यों में कांवड़ यात्रा के विवादास्पद निर्देशों पर एक सवाल के जवाब में अमेरिकी विदेश विभाग ने बुधवार को कहा कि उसने सभी धर्मों के मेंबर्स के लिए एक जैसा बर्ताव की जरूरत पर भारतीय समकक्षों के साथ बातचीत की है.

कावड़ यात्रा पर बोला यूएस

एक पाकिस्तानी पत्रकार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान इस मुद्दे को उठाया और आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार मुस्लिम रेस्तरां मालिकों को अपने भोजनालयों में “मुस्लिम नाम” लिखने के लिए मजबूर कर रही है.

यूएस ने क्या कहा?

अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा, "हमने वे रिपोर्ट देखी हैं. हमने ऐसी रिपोर्ट भी देखी हैं कि भारतीय सुप्रीम कोर्ट ने 22 जुलाई को उन रूल्स के लागू होने पर अंतरिम रोक लगा दी है. इसलिए वे वास्तव में प्रभावी नहीं हैं."

कोर्ट ने लगाई अंतरिम रोक

उन्होंने आगे कहा, "आम तौर पर, हम, जैसा कि हम हमेशा कहते हैं, दुनिया में कहीं भी सभी के लिए धर्म और विश्वास की आजादी के अधिकार के लिए यूनिवर्सल रेसपेक्ट को बढ़ावा देने और उसकी हिफाजत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं." सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को बीजेपी शासित दो राज्यों के उस निर्देश पर अंतरिम रोक लगा दी जिसमें कांवड़ यात्रा मार्ग पर मौजूद भोजनालयों को अपने मालिकों, कर्मचारियों के नाम और दूसरी जानकारी दिखाने के लिए कहा गया था.

कोर्ट ने क्या कहा?

सर्वोच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और मध्य प्रदेश की सरकारों को भी नोटिस जारी किया है, जहां उज्जैन नगर निकाय ने इसी तरह का निर्देश जारी किया है. न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय और न्यायमूर्ति एसवीएन भट्टी की पीठ ने कहा कि भोजनालयों को यह प्रदर्शित करना होगा कि वे किस प्रकार का भोजन परोस रहे हैं, जैसे कि वह शाकाहारी है या मांसाहारी.

न्यायमूर्ति एसवीएन भट्टी ने अपना अनुभव साझा करते हुए कहा कि केरल में तैनाती के दौरान वे अक्सर एक मुस्लिम के जरिए चलाए जा रहे शाकाहारी रेस्तरां में जाते थे, क्योंकि वह अंतरराष्ट्रीय मानकों को ध्यान में रखता था. "...शहर का नाम बताए बिना बता दूं कि यहां एक शाकाहारी होटल है जिसे एक हिंदू चलाता है. यहां एक और शाकाहारी होटल है जिसे एक मुस्लिम चलाता है.

जस्टिस भाटी ने कहा,"उस राज्य के न्यायाधीश के रूप में, मैं शाकाहारी भोजन के लिए एक मुस्लिम के जरिए चलाए जा रहे होटल में जा रहा था. जब भोजन के मानक और सुरक्षा की बात आती है, तो वह सब कुछ प्रदर्शित कर रहा था. वह दुबई से लौटा था. वह सेफ्टी, सफाई और हेल्थ के जुड़े अंतर्राष्ट्रीय मानकों को बनाए रख रहा था. इसलिए उस होटल में जाना मेरा फैसला था,"

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