भारत के इस राज्य में खुलेंगे विदेशी यूनिवर्सिटीज के कैंपस, शिक्षा मंत्री ने दिया बच्चों को तोहफा
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भारत के इस राज्य में खुलेंगे विदेशी यूनिवर्सिटीज के कैंपस, शिक्षा मंत्री ने दिया बच्चों को तोहफा

भारत में विदेश की दो यूनिवर्सिटीज खुलने वाली हैं. ये यूनिवर्सिटीज गुजरात में खलेंगी. शिक्षामंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने ये ऐलान किया. इससे भारत की शिक्षा व्यवस्था बेहतर होगी.

भारत के इस राज्य में खुलेंगे विदेशी यूनिवर्सिटीज के कैंपस, शिक्षा मंत्री ने दिया बच्चों को तोहफा

ऑस्ट्रेलिया की यूनिवर्सिटीज भारत में अपने कैंपस खोलने जा रही हैं. ये दोनों वॉलोन्गॉन्ग और डीकिन यूनिवर्सिटीज हैं. ये दोनों ऑस्ट्रेलियाई यूनिवर्सिटी, गुजरात की गिफ्ट सिटी में अपने कैंपस खोलेंगी. केन्‍द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्‍द्र प्रधान ने ऑस्ट्रेलिया के शिक्षा मंत्री जेसन क्लेयर के साथ गांधीनगर में वॉलोन्गॉन्ग और डीकिन विश्वविद्यालयों के भविष्‍य में बनने वाले परिसरों के स्‍थान का दौरा किया.

मंत्रियों ने आरंभ (द बिगिनिंग) नाम के एक प्रोग्राम में हिस्सा लिया, जिसमें गिफ्ट सिटी में परिसरों के उद्घाटन का औपचारिक रूप से ऐलान किया गया. केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय का कहना है कि भारतीय धरती पर विदेशी यूनिवर्सिटी का खुलना राष्ट्रीय शिक्षा नीति की शिक्षा के अंतर्राष्ट्रीयकरण की परिकल्‍पना के अनुरूप है.

डीकिन यूनिवर्सिटी और वॉलोन्गॉन्ग यूनिवर्सिटी के कुलपतियों ने कोविड-19 महामारी जैसे चुनौतीपूर्ण वक्त के दौरान भी भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच द्विपक्षीय संबंधों में अहम बढ़ोतरी पर प्रकाश डालते हुए दो देशों के बीच साझेदारी के महत्व पर जोर दिया.

उन्होंने भारत में परिसरों के खुलने के साथ शुरू होने वाले पाठ्यक्रमों सहित भविष्य की योजनाओं को साझा किया. प्रधान ने छात्र और शैक्षणिक समुदाय को नए 'आरंभ' के लिए बधाई दी. उन्होंने कहा कि देश में विदेशी यूनिवर्सिटी भारत में तालीम की सहूलत देंगे और एनईपी 2020 में की गई परिकल्पना के मुताबिक एक जीवंत, विविध और समावेशी शैक्षिक वातावरण भी बनाएंगे.

प्रधान ने उल्लेख किया कि गिफ्ट सिटी में इन दो यूनिवर्सिटियों के परिसर का खोलना छात्र समुदाय के लिए एक 'उपहार' है. उन्होंने कहा, यह परिवर्तनकारी नीति 'स्‍वदेश में अंतर्राष्ट्रीयकरण' पर जोर देती है, जिसका लक्ष्य हमारे अपने देश के भीतर एक जीवंत, विविध और समावेशी शैक्षिक वातावरण बनाना है.

प्रधान ने कहा कि समाज के फायदे के लिए रिसर्च को अहमियत देने वाला क्षेत्र होना चाहिए. ऑस्ट्रेलिया और भारत दोनों आपसी तरक्की व वैश्विक कल्याण के लिए रिसर्च को बढ़ावा देने के लिए कोशिश कर रहे हैं.

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