ये सांस लेने का एक तकनीक है, जिसमें सांस लेने के पैटर्न को धीमा कर देते हैं और सांसों पर ध्यान केंद्रीत किया जाता है. इस टेक्निक को माइंडफुल ब्रीदिंग कहा जाता है. ऋषि-मुनि हजारों सालों से इसी टेक्निक का इस्तेमाल कर ध्यान लगाते हैं.
माइंडफुल ब्रीदिंग एक तरह का ध्यान है, जिसे सांसों को गहरा और ज्यादा सचेत तरीके से लिया जाता है. इसे करने से शारीरिक और मानसिक फायदें होते हैं.
इस तकनीक से ब्रीदिंग करने से तनाव और एनजाइटी दूर होती है. साथ ही मन को भी शांति मिलती है.
माइंडफुल ब्रीदिंग करने से शरीर की थकावट दूर होती है. व्यक्ति तरोताजा महसूस करता है.
कई स्थिति में ऐसा करने से हाई ब्लड प्रेशर भी कंट्रोल रहता है.
सांस की समस्या में भी माइंडफुल ब्रीदिंग काम करता है. ऐसा रोजाना करने से शांस फूलने जैसे परेशानियों से छुटकारा मिलता है.
माइंडफुल ब्रीदिंग करने से शांति और सुकून महसूस होता है, जिससे व्यक्ति खुश और सकारात्मक महसूस करता है.
अपनी फीलिंग्स पर काबू पाने के लिए भी ये ब्रीदिंग पैटर्न काफी मददगार है. ये एक पल में आपकी फीलिंग्स को काबू में ला सकता है.
आराम से पीठ सीधी करके बैठ जाएं. अब खामोशी से धीरे-धीरे सांस भरें और छोड़ें. अपने सांसों पर ध्यान केंद्रीत करें.
ध्यान जुटाने के लिए आप म्यूजिक सुनें. साथ ही सकारात्मक शब्द, जैसे- ऊँ का धीरे-धीरे उच्चारण करें.
इस खबर में बताई गई बातें सामान्य जानकारी पर आधारित है. किसी प्रकार की समस्या होने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह लें.