डिप्रेशन एक ऐसी समस्या है. जिसका सामना हर किसी को कभी न कभी करना ही पड़ता है. मानसिक और बाहरी परिस्थितियों के बीच असंतुलन के कारण तनाव उत्पन्न होता है.
जब यह डिप्रेशन लगातार बढ़ने लगता है, तो यह डिप्रेशन में बदल जाता है. डिप्रेशन एक ऐसी समस्या है जिसमें व्यक्ति लंबे समय तक तनावपूर्ण स्थिति से गुजर रहा होता है.
हमारे देश में कई महिलाएं डिप्रेशन से जूझ रही हैं, लेकिन वे यह कहने में झिझकती हैं कि वे डिप्रेशन का सामना कर रही हैं. इसकी वजह से महिलाओं में डिप्रेशन का लेवल बहुत ज्यादा बढ़ने लगता है.
डिप्रेशन बढ़ने की वजह से महिलाओं में कई तरह के हार्मोनल बदलाव देखने को मिलते हैं. आइए जानते हैं कि महिलाओं में डिप्रेशन के कितने लक्षण दिखते हैं.
डिप्रेशन की वजह से महिलाओं को अनियमित पीरियड्स की शिकायत हो सकती है. कुछ परिस्थितियों में डिप्रेशन के कारण महिलाएं जल्द ही मेनोपॉज का शिकार हो जाती हैं, जिसकी वजह से उनके शरीर में कई तरह के बदलाव देखने को मिलते हैं.
डिप्रेशन का हमारी नींद से गहरा संबंध है. डिप्रेशन की शिकार महिलाएं बहुत ज्यादा सोती हैं या फिर बिल्कुल भी नहीं सोती हैं. अगर आपको सोते समय ऐसी स्थिति से गुजरना पड़ता है, तो समझ लीजिए कि आप डिप्रेशन से पीड़ित हैं.
महिलाएं अपने घर-परिवार और बाहर के कामों में बहुत व्यस्त रहती हैं. बहुत काम होने के बावजूद उनके चेहरे पर हमेशा मुस्कान रहती है, लेकिन अगर वे थोड़ा-बहुत काम करने पर परेशान हो रही हैं, तो समझ लीजिए कि वे डिप्रेशन से पीड़ित हैं.
डिप्रेशन से पीड़ित महिलाओं का कॉन्फिडेंस बहुत कम होने लगता है. ऐसी महिलाएं खुद की आलोचना करती रहती हैं. वे खुद को कोसती रहती हैं और बीती बातों में ही जीती रहती हैं.
डिप्रेशन से पीड़ित महिलाएं किसी भी चीज पर ध्यान केंद्रित करने से डरती हैं. उन्हें लगता है कि अगर वे इस पर ध्यान केंद्रित करेंगी, तो यह काम पूरा नहीं होगा या नहीं, इस डर की वजह से वे किसी भी चीज पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पाती हैं.
डिप्रेशन के दौरान महिलाओं में यह भावना बहुत आम है. उन्हें हर चीज में कमजोरी महसूस होती है. उन्हें लगता है कि वे कोई काम करने में सक्षम नहीं हैं. अब कोई उनकी परवाह नहीं करता.
अगर महिलाएं बिना किसी वजह के चिड़चिड़ी हो रही हैं, तो समझ लें कि वे डिप्रेशन से पीड़ित हैं. इस हालात में उन्हें आपके सहारे की जरूरत है.
मौजूदा वक्त में और भविष्य में कुछ अच्छा पाने की उम्मीद खोना भी डिप्रेशन का लक्षण हो सकता है. इस स्थिति में महिलाओं को सकारात्मक विचारों की जरूरत होती है. ऐसे में उन्हें अच्छे विचार देने की कोशिश करें.
डिप्रेशन से पीड़ित महिलाएं अपने पार्टनर के साथ भी खुश नहीं रह पाती हैं. इस दौरान महिलाओं की यौन संबंध बनाने में रुचि खत्म हो जाती है.
डिप्रेशन की स्थिति में महिलाएं कई चीजों में रुची खत्म हो जाती है. कई महिलाएं ऐसी होती हैं, जो अपनी दिनचर्या या अपने आस-पास के लोगों से बात करना भी बंद कर देती हैं. हममें से कई लोग इस पर ध्यान नहीं दे पाते हैं, जिसकी वजह से डिप्रेशन की स्थिति और बढ़ने लगती है.
डिप्रेशन में पुरुषों और महिलाओं के लक्षण अलग-अलग होते हैं. कई बार महिलाओं में डिप्रेशन की खान-पान की आदतें अनकंट्रोल्ड हो जाती हैं. कुछ महिलाएं ऐसी होती हैं, जो डिप्रेशन की वजह से जरूरत से ज्यादा खा लेती हैं. वहीं, कुछ महिलाएं डिप्रेशन के कारण खाना-पीना भी बंद कर देती हैं. दोनों ही स्थितियां महिलाओं के लिए जानलेवा बन जाती हैं.
डिप्रेशन से पीड़ित महिलाओं को पाचन से जुड़ी समस्याएं और पुराने दर्द की समस्या हो सकती है. पेट में दर्द, गैस की समस्या, थोड़ा सा खाने के बाद लगातार सिरदर्द जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं. ऐसी स्थिति में आपको किसी अच्छे मनोचिकित्सक के पास जाने की जरूरत है.
डिप्रेशन से पीड़ित महिलाओं में इस तरह के बदलाव देखे जा सकते हैं. अगर आपको अपने शरीर में या अपने आस-पास की महिलाओं में इस तरह के बदलाव नज़र आते हैं, तो उनकी जांच करवाएं. उन्हें किसी अच्छे डॉक्टर को दिखाएं.
यहां दी गई जानकारी डॉक्टर साकेत शर्मा से बातीचीत पर आधारित है.