Mother's Day Poetry: ऐ रात मुझे माँ की तरह गोद में ले ले
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Mother's Day Poetry: ऐ रात मुझे माँ की तरह गोद में ले ले

Mother's Day Poetry: उर्दू और हिंदी कई बड़े शायर हैं जिन्होंने मां पर बेहतरीन शेर लिखे हैं. आज हम पेश कर रहे हैं मां पर बेहतरीन शेर. पढ़ें

Mother's Day Poetry: ऐ रात मुझे माँ की तरह गोद में ले ले

Mother's Day Poetry: पूरी दुनिया आज मदर्स डे (Mothers Day) मना रही है. दुनिया में मां ही होती है जो अपने बच्चों को बिना किसी शर्त प्यार करती है. मां-बच्चों का रिश्ता पूरी दुनिया में सबसे पाक होता है. इसीलिए हम यहां आपके लिए पेश कर रहे हैं मां पर बेहतरीन शेर. इन शेर में मां की मोहब्बत और त्याग दिखता है. इन शेरों के जरिए आप अपनी मां को खास महसूस करा सकते हैं. 

अभी ज़िंदा है माँ मेरी मुझे कुछ भी नहीं होगा 
मैं घर से जब निकलता हूँ दुआ भी साथ चलती है 
मुनव्वर राना

किताबों से निकल कर तितलियाँ ग़ज़लें सुनाती हैं 
टिफ़िन रखती है मेरी माँ तो बस्ता मुस्कुराता है 
सिराज फ़ैसल ख़ान

बर्बाद कर दिया हमें परदेस ने मगर 
माँ सब से कह रही है कि बेटा मज़े में है 
मुनव्वर राना

दुआ को हात उठाते हुए लरज़ता हूँ 
कभी दुआ नहीं माँगी थी माँ के होते हुए 
इफ़्तिख़ार आरिफ़

तेरे दामन में सितारे हैं तो होंगे ऐ फ़लक 
मुझ को अपनी माँ की मैली ओढ़नी अच्छी लगी 
मुनव्वर राना

माँ की आग़ोश में कल मौत की आग़ोश में आज 
हम को दुनिया में ये दो वक़्त सुहाने से मिले 
कैफ़ भोपाली

चलती फिरती हुई आँखों से अज़ाँ देखी है 
मैं ने जन्नत तो नहीं देखी है माँ देखी है 
मुनव्वर राना

घर की इस बार मुकम्मल मैं तलाशी लूँगा 
ग़म छुपा कर मिरे माँ बाप कहाँ रखते थे 
साजिद जावेद साजिद

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एक मुद्दत से मिरी माँ नहीं सोई 'ताबिश' 
मैं ने इक बार कहा था मुझे डर लगता है 
अब्बास ताबिश

माँ की दुआ न बाप की शफ़क़त का साया है 
आज अपने साथ अपना जनम दिन मनाया है 
अंजुम सलीमी

घर लौट के रोएँगे माँ बाप अकेले में 
मिट्टी के खिलौने भी सस्ते न थे मेले में 
क़ैसर-उल जाफ़री

जब भी कश्ती मिरी सैलाब में आ जाती है 
माँ दुआ करती हुई ख़्वाब में आ जाती है 
मुनव्वर राना

दूर रहती हैं सदा उन से बलाएँ साहिल 
अपने माँ बाप की जो रोज़ दुआ लेते हैं 
मोहम्मद अली साहिल

सब ने माना मरने वाला दहशत-गर्द और क़ातिल था 
माँ ने फिर भी क़ब्र पे उस की राज-दुलारा लिक्खा था 
अहमद सलमान

ऐ रात मुझे माँ की तरह गोद में ले ले 
दिन भर की मशक़्क़त से बदन टूट रहा है 
तनवीर सिप्रा

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