पाकिस्तान के अफसर ने भगत सिंह को बताया 'अपराधी', इस संस्था ने थमाया इतने करोड़ का नोटिस
Advertisement
trendingNow,recommendedStories0/zeesalaam/zeesalaam2594108

पाकिस्तान के अफसर ने भगत सिंह को बताया 'अपराधी', इस संस्था ने थमाया इतने करोड़ का नोटिस

Bhagat Singh News: पाकिस्तान में एक सैन्य अधिकारी ने स्वतंत्रता सेनानी को अपरादी कहा है. इस पर एक NGO ने नाराजगी जताई है और अधिकारी पर 50 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है.

पाकिस्तान के अफसर ने भगत सिंह को बताया 'अपराधी', इस संस्था ने थमाया इतने करोड़ का नोटिस

Bhagat Singh News: महान स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह को पूरा देस इज्जत देता है. लेकिन हाल ही में पाकिस्तान के एक सेवानिवृत सैन्य अधिकारी ने भगत सिंह को 'अपराधी' कहा. इस पर पाकिस्तान में कुछ लोगों में नाराजगी है. लाहौर की एक गैर-लाभकारी संस्था के अध्यक्ष ने बुधवार को सैन्य अधिकारी से बिना शर्त माफी मांगने को कहा है. साथ ही उन्होंने अधिकारी को कानूनी नोटिस भेजकर 50 करोड़ रुपये का हर्जाना मांगा है.

भगत सिंह को कहा अपराधी
यह कानूनी नोटिस लाहौर मेट्रोपोलिटन कॉरपोरेशन के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी और पाकिस्तान सशस्त्र बलों से सेवानिवृत्त अफसर तारिक मजीद को अधिवक्ता खालिद जमा खान के जरिए से भेजा गया है. मजीद ने भगत सिंह मेमोरियल फाउंडेशन पाकिस्तान के सदर इम्तियाज रशीद कुरैशी पर विदेशी अनुदान लेने का इल्जाम लगाया है और महान स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह को "अपराधी" कहा है.

नोटिस में क्या है?
नोटिस में कहा गया है, "मेरे मुवक्किल (भगत सिंह मेमोरियल फाउंडेशन पाकिस्तान के अध्यक्ष इम्तियाज रशीद कुरैशी) एक देशभक्त हैं और देश व इस्लाम के प्रति ईमानदार हैं... और अपनी क्षमता के अनुसार जीवन व्यतीत कर रहे हैं. उन्होंने पाकिस्तान या विदेश में किसी भी व्यक्ति या समूह से एक भी पैसा नहीं लिया है." नोटिस में कहा गया है कि उनके मुवक्किल (कुरैशी) का उद्देश्य आम आदमी की बेहतरी के लिए लड़ना और पाकिस्तान और भारत को करीब लाना है, ताकि आम लोगों को फायदा हो सके. 

जिन्ना ने की थी तारीफ
नोटिस में भगत सिंह के बारे में कहा गया है: "राष्ट्रपिता कायदे-आज़म मोहम्मद अली जिन्ना ने 12.09.1929 को सेंट्रल असेंबली दिल्ली में भगत सिंह की सराहना की थी...." कुरैशी ने कहा कि मजीद ने नवंबर में लाहौर हाई कोर्ट को सौंपी अपनी रिपोर्ट में "बहुत ही भद्दी और अपमानजनक जबान का इस्तेमाल किया था." नवंबर में जिला प्रशासन ने लाहौर हाई कोर्ट को बताया कि कमोडोर (सेवानिवृत्त) मजीद की तरफ से प्रस्तुत रिपोर्ट के आलोक में उसने लाहौर के शादमान चौक का नाम भगत सिंह के नाम पर रखने की योजना को रद्द कर दिया है, जहां उन्हें लगभग 94 साल पहले फांसी दी गई थी. 

भगत सिंह को कहा आतंकवादी
अपनी रिपोर्ट में मजीद ने दावा किया कि सिंह "क्रांतिकारी नहीं बल्कि एक अपराधी थे. आज की भाषा में वह एक आतंकवादी थे, जिन्होंने एक ब्रिटिश पुलिस अधिकारी की हत्या की और इस अपराध के लिए उन्हें दो साथियों के साथ फांसी पर लटका दिया गया." मजीद ने कुरैशी पर विदेशी धन लेने का भी आरोप लगाया था और उनकी आस्था पर भी सवाल उठाए थे.

Trending news