केजरीवाल की अग्नि परीक्षा! CM पद के इस्तीफे से AAP को फायदा होगा या नुकसान?
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केजरीवाल की अग्नि परीक्षा! CM पद के इस्तीफे से AAP को फायदा होगा या नुकसान?

Arvind Kejriwal Resignation Updates: दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे के बाद राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं. AAP के लिए ये फैसला पार्टी वरदान के साथ-साथ श्राप भी साबित हो सकता है.  

केजरीवाल की अग्नि परीक्षा! CM पद के इस्तीफे से AAP को फायदा होगा या नुकसान?

केजरीवाल का इस्तीफा

दिल्ली में सीएम केजरीवाल के इस्तीफे के ऐलान के बाद देश की राजधानी का सियासी पारा हाई हो गया है. केजरीवाल ने रविवार को पार्टी मुख्यालस में इस्तीफे के ऐलान से सभी को चौंका दिया था. उन्होंने कहा था कि वे दो दिन बाद सीएम पद से इस्तीफा दे देंगे. सीएम के इस फैसला के बाद सभी के मन में कई सवाल उठ रहे हैं. सबसे पहला सवाल ये है कि केजरीवाल के अचानक लिए इस फैसले से आम आदमी पार्टी को फायदा होगा या नुकसान? 
 

2014 में केजरीवाल ने दिया था पहला इस्तीफा

ये पहली बार नहीं है कि केजरीवाल CM पद से इस्तीफा देकर और दोबारा सीएम बनने की उम्मीद कर रहे हैं. आपको बता दें, ठीक एक दशक पहले 14 फरवरी 2014 को अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के CM पद से इस्तीफा दिया था. उस वक्त इस्तीफा देने का कारण था जनलोकपाल बिल. लेकिन इस्तीफा देते हुए उन्होंने ये भरोसा दिलााय था कि चुनाव में वे दोबारा जीत हासिल करेंगे और वैसा ही हुआ था. लेकिन 10 साल बाद, तीन बार दिल्ली के मुख्यमंत्री चुने जाने के बाद सीएम के इस फैसले पर सवाल उठ रहा है. 
 

केजरीवाल के हाथ में रहेगा रीमोट कंट्रोल

दिल्ली शराब नीति घोटाले में जमानत मिलने के दो दिन बाद सीएम केजरीवाल ने अपने बड़े ऐलान से सभी को चौंका दिया. रविवार को आम आदमी पार्टी के मुख्यालय में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने इस्तीफे का ऐलान किया. उन्होंने कहा कि वे दो दिन बाद सीएम पद से इस्तीफा देंगे. साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि जब तक दिल्ली की जनता उन्हें दोबारा नहीं चुनती है, तब वे सीएम की कुर्सी पर नहीं बैठेंगे. वे दो दिन बाद यानि मंगलवार, 17 सितंबर को इस्तीफा का ऐलान करेंगे. इन दो दिनों में दिल्ली में AAP के विधायकों के बीच कई बैठक होंगी, जिसमें अगली सीएम के नाम पर चर्चा होगी. मतलब मुख्यमंत्री पद छोड़ने के बाद भी दिल्ली का रीमोट कंट्रोल उनके हाथ में ही रहेगा. 
 

क्या होगा फायदा?

अरविंद केजरीवाल के इस फैसले पर विपक्षी पार्टियों की टिप्पणी भी सामने आ रही है. कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने इसे महज नौटंकी बताई, तो BJP ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट से सशर्त जमानत मिलने के कारण केजरीवाल ने ऐसा फैसला लिया. आपको बता दें, भ्रष्टाचार के आरोप लगने पर AAP बैकफुट पर आ गई है. AAP नेता मनीष सिसोदिया, संजय सिंह, सत्येंद्र जैन के साथ-साथ सीएम अरविंद केजरीवाल के जेल में जाने से आम की इमेज का बड़ा झटका लगा, जिसके बाद अरविंद केजरीवाल का ये फैसला आम आदमी पार्टी की दोबारा इमेज बिल्डिंग में मदद करेगी. साथ ही दिल्ली में केजरीवाल ने जल्द चुनाव कराने की मांग की है. अगर ऐसा होगा है तो केजरीवाल का इस्तीफा चुनाव में सिम्पैथी वोट ला सकता है. वहीं अगर चुनाव में देरी होती है, तो आप BJP पर इसका ठीकरा फौड सकता है कि भाजपा दिल्ली में चुनाव नहीं करवाना चाहती है. 

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