Opposition Parties One Nation One Election: संसद में इस वक्त भारी हंगामा हो रहा है. इस बीच 'वन नेशन, वन इलेक्श' बिल को संसद में स्वीकार करने के वोटिंग हुई है. इस बिल पक्ष में 269 वोट पड़े, जबकि इसके विरोध में 198 वोट पड़े.
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Opposition Parties One Nation One Election: पार्लियामेंट में विंटर सेशन के 17वें दिन आज यानी 17 दिसंबर को केंद्र सरकार ने लोकसभा में 'वन नेशन, वन इलेक्श' बिल पेश किया है. केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने 'वन नेशन, वन इलेक्श' के लिए 129वां संविधान संशोधन बिल पेश किया है. कांग्रेस, राजद, टीएमसी, सपा और असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM समेत कई विपक्षी पार्टियों ने इस बिल की मुखालिफत की है. संसद में इस वक्त भारी हंगामा हो रहा है. इस बीच 'वन नेशन, वन इलेक्श' बिल को संसद में स्वीकार करने के वोटिंग हुई है. इस बिल पक्ष में 269 वोट पड़े, जबकि इसके विरोध में 198 वोट पड़े. भारी हंगामे के बीच इस बिल को स्वीकार कर लिया गया है.
वहीं, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के सुझाव के बाद कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से इस बिल को व्यापक चर्चा के लिए संसद की संयुक्त समिति यानी JPC को भेजने की गुजारिश की है. तो विपक्षी सांसदों ने इस बिल के विरोध में क्या कहा? आइये जानें....
ओवैसी ने बीजेपी पर बोला हमला
बिल पर चर्चा के दौरान AIMIM चीफ और हैदराबाद से लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने बीजेपी पर जमकर हमला बोला है. उन्होंने कहा, "यह संविधान का उल्लंघन है. यह संसदीय लोकतंत्र का उल्लंघन है. यह संघवाद का भी उल्लंघन है. यह बिल सीधे राष्ट्रपति शैली के लोकतंत्र के लिए लाया गया है. साथ ही उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी बिना नाम लिए कहा, "यह बिल अकेले ही देश की सभी क्षेत्रीय पार्टियों को खत्म कर देगा. इसे सिर्फ एक सर्वोच्च नेता (नरेंद्र मोदी) के अहंकार को संतुष्ट करने के लिए लाया जा रहा है.
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) December 17, 2024
वामपंथी सांसद ने क्या कहा?
वहीं, वामपंथी सांसद अमराराम ने कहा, "यह बिल संविधान और लोकतंत्र को खत्म करके तानाशाही की ओर ले जाने की कोशिश है. स्थानीय निकाय राज्य सरकार का है, आप इसे भी लेना चाहते हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि आखिरी फैसला आपका ही होगा. राज्य विधानसभाओं के पास अधिकार हैं, आप उन सभी को लेना चाहते हैं."
'वन नेशन, वन इलेक्शन' है अल्ट्रा वायरस- कल्याण बनर्जी
कल्याण बनर्जी ने 'वन नेशन, वन इलेक्शन' के लिए लाए गए संविधान संशोधन बिल का विरोध किया है. साथ ही इसे संविधान पर हमला बताते हुए कल्याण बनर्जी ने कहा, "यह अल्ट्रा वायरस है. पार्लियामेंट के पास कानून बनाने का अधिकार है. राज्य विधानसभा को भी कानून बनाने का अधिकार है. देश की विधानसभाओं से स्वायत्तता छीन ली जाएगी, यह संविधान के खिलाफ है. यह जो कर रही है, वह सत्ताधारी पार्टी है. एक दिन हम इसे बदल देंगे. यह इलेक्शन सुधार नहीं है, यह एक सज्जन की इच्छा को पूरा करने की कोशिश है."
सपा सांसद ने क्या कहा?
समाजवादी पार्टी के सांसद धर्मेंद्र यादव ने 'वन नेशन, वन इलेक्शन' का विरोध करते हुए कहा, "दो दिन पहले संविधान की शपथ लेने में कोई कसर नहीं छोड़ी गई. दो दिन के अंदर ही संघीय ढांचे के खिलाफ ये बिल लाए गए हैं. इस सदन में बाबा साहेब से बड़ा विद्वान कोई नहीं बैठा है. संविधान की मूल भावना के खिलाफ जाकर तानाशाही लाने की कोशिश हो रही है. जो लोग मौसम के हिसाब से तारीखें बदलते हैं, जो एक साथ आठ सीटों पर इलेक्शन नहीं करा सकते, वो 'वन नेशन, वन इलेक्शन'की बात करते हैं. ये बीजेपी वाले तानाशाही लाने के नए-नए तरीके खोज रहे हैं. एक राज्य में सरकार गिरेगी तो पूरे देश में चुनाव होंगे. जनता ने हम सबको बड़ी उम्मीदों के साथ भेजा है. ये संविधान विरोधी, गरीब विरोधी, पिछड़ा विरोधी इरादा वापस लीजिए."
एनसीपी शरद गुट ने क्या कहा?
एनसीपी शरद पवार गुट की सांसद सुप्रिया सुले ने 'वन नेशन, वन इलेक्शन' बिल का विरोध किया. उन्होंने कहा कि यह संघीय ढांचे पर हमला है. केंद्र और राज्य सरकारों का कार्यकाल अलग-अलग होता है, उन्हें एक करना ठीक नहीं है.
कांग्रेस ने क्या कहा?
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने 'वन नेशन, वन इलेक्शन' बिल का विरोध करते हुए इसे संविधान के मूल ढांचे पर हमला बताया. मनीष तिवारी ने आगे कहा कि भारत राज्यों का संघ है और यह विधेयक इसका उल्लंघन है. इसके साथ ही तमाम इंडिया गठबंधन के सहयोगी दलों ने इस बिल का विरोध किया है.