इस्लाम की नजर में अध्यापक की अहमियत, इस तरह से पेश आने की दी हिदायत
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इस्लाम की नजर में अध्यापक की अहमियत, इस तरह से पेश आने की दी हिदायत

Islamic Knowledge: हमारी जिंदगी में उस्ताद की बड़ी अहमियत है. बां-बाप के बाद उस्ताद का दर्जा आता है. इस्लाम में हिदायत दी गई है कि अपने उस्ताद से नर्मी से पेश आएं.

इस्लाम की नजर में अध्यापक की अहमियत, इस तरह से पेश आने की दी हिदायत

Islamic Knowledge: अध्यापक, टीचर या उस्ताद वह शख्स होता है, जो आपको समाज में जीने लायक बनाता है. मां-बाप अपने बच्चों को पैदा करते हैं, उनकी परवरिश करते हैं, लेकिन उस्ताद बच्चों को एक अच्छा इंसान बनाने का काम करता है. बच्चे मिट्टी के ढेले जैसे होते हैं. उन्हें उस्ताद ही एक बेहतरीन शेप देता है. इस्लाम में जिस तरह कहा गया है कि तालीम जरूरी है, उसी तरह से बताया गया है कि अपने उस्ताद की भी इज्जत करो. अगर वह मुसीबत हों तो उनकी मदद करो. उनकी बातों पर अमल करो. अगर वह आपको पढ़ाने में और सिखाने में थोड़ी सख्ती करते हैं तो आप उनसे नर्मी से पेश आओ.

कामयाबी में इंसान का हाथ
टीचर बच्चे को न सिर्फ किताबी ज्ञान देता है, बल्कि दुनिया को देखने का एक नया नजरिया भी देता है. इनके अलावा सामाजिक बुराइयों के साथ-साथ आपसी व्यव्हार और जिंदगी को जीने का सलीका बताता है. अबोधपन से लेकर जवानी की समझ तक टीचर ही ज्ञान देने का एक जरिया बनता है. एक कामयाब इंसान की कामयाबी में जितना हाथ उसके परिवार का होता है, उतना ही हाथ उसके उस्ताद के जरिए दी गई तालीम का भी होता है.

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इस्लाम की नजर में उस्ताद
इस्लाम का मानना है कि प्रोफेट मोहम्मद स0. के बाद इंसानों में सबसे ऊंचा दर्जा मां-बाप का है. इसके बाद उस्ताद का दर्जा आता है. उस्ताद हमें हमारी जिस्मानी और जहनी तर्बियत करते हैं. उस्ताद की अहमियत को याद करते हुए उर्दू के मशहूर शायर ख्वाजा अल्ताफ़ हुसैन हाली कहते हैं कि "मां बाप और उस्ताद सब हैं ख़ुदा की रहमत, है रोक-टोक उन की हक़ में तुम्हारे नेमत"

उस्ताद पर हदीस
उस्ताद के बारे में हदीस में आता है कि "हजरत अबु हुरैरा (रजि0.) से रिवायत है कि प्रोफेट स0. फरमाया: इल्म हासिल करो और साथ ही इल्म को सीखने के लिए वकार और संजीदगी सीखो. जिनसे तुम इल्म सीखो उनके साथ नर्मी का बर्ताव करो." हदीस- (अल-मुंजरी: रबरानी से उद्ध्त)

भारत में मनाया जाता है अध्यापक दिवस
भारत में अपने उस्ताद को बहुत सम्मान दिया जाता है. अपने अध्यापकों को शु्क्रिया कहने के लिए भारत में बाजाब्ता एक दिन मुकर्र किया गया है. 5 सितंबर को पूरे भारत में बच्चे अध्यापक दिवस के रूम में मनाते हैं. इस दिन बच्चे अपने अध्यापकों को गिफ्ट देते हैं और उनके काम के लिए उनका शुक्रिया अदा करते हैं. उस्ताद की अहमियत को पूरी दुनिया मानती है. पूरी दुनिया मानती है कि अध्यापकों का हमारी जिंदगी में अहम रोल है, इसलिए पूरी दुनिया 5 अक्टूबर को विश्व शिक्षक दिवस के तौर पर मनाती है.

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