Tabrez Ansari Lynching Case: सााल 2019 में तबरीज अंसारी की माब लिंचिंग में मौत हो गई थी. अब अदालत ने इस मामले के 10 मुल्जिमों को 10 साल की सजा सुनाई है.
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Tabrez Ansari Lynching Case: झारखंड के तबरेज अंसारी (Tabrej Ansari Lynching) माब लिंचिंग मामले में बड़ा अपडेट सामने आया है. इस मामले में सरायकेला कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. अदालत ने इस मामले में सभी 10 दोषियों को IPC की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) के तहत 10 साल की कैद की सजा सुनाई है. अदालत ने जिन लोगों को सजा सुनाई है उनमें भीम सिंह मुंडा, विक्रम मंडल, चामू नायक, प्रेम चंद महाली, कमल महतो, मदन नायक, अतुल महाली, सुनामो प्रधान, महेश महाली को पकड़ा गया है.
2019 Tabrez Ansari lynching case | All ten convicts sentenced to 10-year imprisonment by Seraikela court under section 304 (culpable homicide not amounting to murder) of IPC. Details awaited. #Jharkhand pic.twitter.com/tblKyzAb8Q
— ANI (@ANI) July 5, 2023
4 साल बाद मिला इंसाफ
आपको बता दें कि 18 जून साल 2019 में चोरी के इल्जाम में भीड़ ने तबरेज अंसारी की बुरी तरह से पिटाई की थी. तबरेज को एक खंभे में बांध कर मारा गया था. इसके बाद तबरेज को पुलिस के हवाले कर दिया गया था. इसके बाद तबरेज की मेडिकल जांच हुई थी और उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था. इसके बाद तबरेज की तबियत बिगड़ी. उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था. लेकिन 22 जून को तबरेज जख्मों की ताब न ला सका और उसकी मौत हो गई. पुलिस ने तबरेज की पिटाई के इल्जाम में 13 लोगों को गिरफ्तार किया था. इस मामले के मेन मुल्जिम पप्पू मंडल के अलावा सभी मुल्जिम जमानत पर थे.
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मिलेगा इंसाफ
इस मामले में बचाव पक्ष के वकील का कहना है कि "पूरे मामले को गलत ढंग से पेश किया गया है. तबरेज की हत्या मॉब लिंचिंग नहीं थी. इसे दुष्प्रचारित किया गया है. राजनीति और पुलिस ने मिलकर केस को गलत दिशा में ले जाने का प्रयास किया है. कानून पर भरोसा है न्याय जरूर मिलेगा."
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