Arun Goel: इलेक्शन कमिश्नर अरुण गोयल की नियुक्ति पर सुप्रीम कोर्ट ने सरकार की फाइल देखने के बाद और तीखे सवाल पूछे हैं. जानिए क्या कहा
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Supreme Court on Election Commissioner Arun Goel: हाल ही में चुनाव आयुक्त की जिम्मेदारियां संभालने वाले अरुण गोयल की नियुक्ति पर सुप्रीम कोर्ट सख्त नजर आ रहा है. देश की सबसे बड़ी अदालत ने केंद्र सरकार से इस नियुक्ति की फाइल मांगी थी. जो सरकार ने आज यानी गुरूवार को फाइल जमा करा दी है. फाइल देखने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से एक और तीखा सवाल पूछा कि आखिर कैसे महज़ 24 घंटों में कैसे इस पद पर नियुक्ति हो गई?
बेंच इलेक्शन कमिश्नर और चीफ इलेक्शन कमिश्नर की नियुक्ति के लिए कॉलेजियम जैसी व्यवस्था बनाने का अनुरोध करने वाली अर्ज़ियों पर सुनवाई कर रही है. सरकार की तरफ से गुरुवार को पेश की गई फाइल देखने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने पूछा,"15 मई से यह पद खाली था. फिर अचानक 24 घंटे से भी कम वक्त में नाम भेजे जाने से लेकर उसे मंजूरी देने का सारा काम कैसे पूरा हो गया? 15 मई से 18 नवंबर के बीच क्या हुआ?"
बेंच ने कहा कि 1985 बैच के भारतीय IAS गोयल ने एक ही दिन में सेवा से VRS ले लिया और एक ही दिन में कानून मंत्रालय ने उनकी फाइल पास कर दी. चार नामों की लिस्ट पीएम के सामने पेश की गयी और गोयल के नाम को 24 घंटे के अंदर राष्ट्रपति से मंजूरी मिल गयी. जस्टिस केएम जोसेफ की अध्यक्षता वाली पांच मेंबरी बेंच ने कहा, "यह किस तरह का मूल्यांकन है? हम अरुण गोयल की काबिलियत पर सवाल नहीं खड़े कर रहे, बल्कि उनको इस पद पर बिठाए जाने के अमल पर सवाल उठा रहे हैं"
हालांकि सरकार की तरफ से अदालत में पक्ष रख रहे अटॉर्नी जनरल का कहना है कि चुनाव आयुक्त की नियुक्ति में कोई गड़बड़ नहीं हुई. इससे पहले भी 12 से 24 घंटों के अंदर पदों को भरा गया है. अटॉर्नी जनरल ने आगे कहा,"कृपया थोड़ा रुकिये, मैं आपसे इस मामले पर गौर करने की अपील करता हूं." केंद्र ने कोर्ट के हुक्म के मुताबिक बेंच के सामने चुनाव आयुक्त के तौर पर गोयल की नियुक्ति की असली फाइल पेश करने को कहा था, हालांकि अटॉर्नी जनरल ने इस पर आपत्ति ज़ाहिर की थी. लेकिन अदालत ने आपत्ति को खारिज करते हुए फाइल मांगी.
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