गवर्नर और राज्य सरकार के बीच टकराव का ये पहला मामला नहीं है, कुछ दिन पहले ऐसा ही मामला तमिलनाडु में भी सामने आया था. जहां तमिलनाडु गवर्नर आरएन रवि पर सरकार ने आरोप लगाया कि उन्होंने बिलों को तीन साल से पेंडिंग रखा हुआ है.
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Kerala Government vs Government: जिन राज्यों में केंद्र की सरकार नहीं है वहां गवर्नर और प्रदेश सरकार के बीच मत-भेद होना नया नहीं है. ताज़ा मामला केरला के गवर्नर आरिफ मोहम्मद खान से जुड़ा है. केरला सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल एक याचिका में गवर्नर आरिफ मोहम्मद खान पर आरोप लागया कि वह विधानसभा से पारित बिलों को लंबित रख रहे हैं. केरल सरकार का कहना है कि गवर्नर के पास 8 बिल कई महीनों से पेंडिंग हैं, इनमें कुछ बिल तो 7 महीने से लेकर 2 साल से भी ज्यादा पुराने हैं.
SC ने जारी किया नोटिस
सुप्रीम कोर्ट ने कैंद्र सरकार और गवर्नर सचिवालय को याचिका के बाद नोटिस जारी किया है. सुप्रीम कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल और सॉलिसीटर जनरल से भी इस मामले पर अपनी राय देने के लिए कहा है. मामले की अगली सुनवाई शुक्रवार 24 नवंबर को होगी. ऐसा पहली बार नहीं है जब गवर्नर और राज्य सरकार के बीच टकराव का मामला सामने आया है. कुछ दिन पहले ऐसा ही मामला तमिलनाडु में भी सामने आया था, जहां तमिलनाडु गवर्नर आरएन रवि पर सरकार ने आरोप लगाया था कि, उन्होंने बिलों को तीन साल से पेंडिंग रखा हुआ है. इस मामले की सुनवाई भी सुप्रीम कोर्ट में चल रही है.
केरल सरकार का आरोप
न्यूज एजंसी PTI के मुताबिक दायर याचिक में केरल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि गवर्नर आरिफ मोहम्मद खान ने विधानसभा के जरिए पारित किए गए कई बिल अपने पास पेंडिग रखे हुए हैं. केरल सरकार का कहना है कि गवर्नर बिलों को पास होने से रोक कर जनता के अधिकारों को खत्म करने का काम कर रहे हैं. सरकार ने बताया कि कुछ बिल 7 महीने से लेकर 21 महीने से गवर्नर के पास पेंडिग है जो गवर्नर की मंजूरी का इंतेजार कर रहे है.