Controversy on Reservation: रिजर्वेशन पर जारी घमासान के बीच RSS की विंग ने कहा है कि उन दलितों को आरक्षण का फायदा बिलकुल भी नहीं मिलना चाहिए जो इस्लाम और ईसाई धर्म में कंवर्ट हुए हैं.
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Controversy on Reservation: आरक्षण पर अक्सर विवाद होता रहता है. हाल ही में RSS की विंग विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने आरक्षण पर बयान दिया है. विश्व हिंदू परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा है कि "आरक्षण का लाभ ऐसे दलितों को नहीं दिया जाना चाहिए, जिन्होंने धर्मांतरण करके इस्लाम, ईसाई या कोई अन्य धर्म अपना लिया है."
आयोग को ज्ञापन सौंपेगी
आलोक कुमार ने यह भी बताया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की मीडिया शाखा और दूसरे संगठनों की तरफ से आयोजित एक संगोष्ठी में यह निर्णय लिया गया है. उनके मुताबिक संगोष्ठी खत्म होने के बाद RSS की मीडिया शाखा न्यायमूर्ति के जी बालाकृष्णन आयोग को एक ज्ञापन सौंपेगी. केंद्र सरकार की तरफ से इस आयोग का गठन इसलिए किया गया था कि धर्मांतरण कर चुके अनुसूचित जातियों के लोगों को किस तरह आरक्षण दिया जाए.
केंद्र सरकार ने बनाई समिति
इस्लाम और दूसरे धर्मों में कंवर्ट हुए दलितों को आरक्षण देने के मामले पर गौर करने के लिए केंद्र सरकार ने ती सदस्यी समिति नियुक्त की है. इसी सिलसिले में RSS की मीडिया शाखा विश्व संवाद केंद्र (VSK) ने दूसरे संगठनों के साथ मिल कर संगोष्ठी का आयोजन किया. यह संगोष्ठी गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में किया गया था.
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धर्म का विषय है आरक्षण
आलोक कुमार ने कहा कि "संगोष्ठी में सर्वसम्मति से यह बात दोहराई कि अनुसूचित जाति को आरक्षण धर्म का विषय है. इस अनुसूची में जातियों के चयन का आधार सामाजिक, शैक्षणिक एवं आर्थिक पिछड़ापन है."
पहले से ही ले रहे आरक्षण का फायदा
VHP ने कहा कि "हम तार्किक और उचित निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए आयोग के सामने तथ्यों को रखने के लिए सभी मुम्किन कदम उठायेंगे. मुसलमानों और ईसाइयों में ओबीसी विभिन्न राज्यों में संबंधित कोटा के तहत आरक्षण का लाभ पहले से ही लेते हैं. अन्य गरीब मुसलमान और ईसाई आर्थिक रूप से कमजोर तबके के आरक्षण के हकदार हैं."
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