UCC पर केंद्र का बड़ा क़दम; पार्लियामानी कमिटी पर्सनल लॉ की समीक्षा पर करेगी ग़ौर
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UCC पर केंद्र का बड़ा क़दम; पार्लियामानी कमिटी पर्सनल लॉ की समीक्षा पर करेगी ग़ौर

UCC: लॉ कमीशन के समान यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) पर गौर करने के बीच, संसद की कानून और न्याय संबंधी स्थायी कमिटी ने अपनी पड़ताल के लिए पर्सनल लॉ की समीक्षा समेत अन्य विषयों को चुना है. 

UCC पर केंद्र का बड़ा क़दम; पार्लियामानी कमिटी पर्सनल लॉ की समीक्षा पर करेगी ग़ौर

Uniform Civil Code: लॉ कमीशन के समान यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) पर गौर करने के बीच, संसद की कानून और न्याय संबंधी स्थायी कमिटी ने अपनी पड़ताल के लिए पर्सनल लॉ की समीक्षा समेत अन्य विषयों को चुना है. जून में विधि आयोग ने सार्वजनिक और मान्यता प्राप्त मजहबी तंजीमों समेत हितधारकों से सलाह लेकर यूसीसी पर नए सिरे से विचार-विमर्श शुरू किया था. संक्षेप में, यूसीसी देश के सभी शहरियों के लिए एक समान कानून होगा जो धर्म पर आधारित नहीं होगा. पर्सनल लॉ और विरासत, गोद लेने और उत्तराधिकार से संबंधित कानून सामान्य संहिता के तहत आने की संभावना है.

सुशील कुमार मोदी की अगुवाई में हुई मीटिंग 
बीजेपी के राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी की अगुवाई वाली पार्लियामानी कमिटी ने विदेश में रहने वाले हिन्दुस्तानियों के लिए दूरस्थ मतदान और ई-पोस्टल मतपत्रों के सिलसिले में भी गौर करने का फैसला किया है. नवंबर 2020 में, इलेक्शन कमीशन ने सरकार को पात्र विदेशी भारतीय मतदाताओं के लिए इलेक्ट्रॉनिकली ट्रांसमिटेड पोस्टल बैलेट सिस्टम (ईटीपीबीएस) सुविधा का विस्तार करने का प्रस्ताव दिया था, जो अब तक फौज के कर्मियों के लिए उपलब्ध है. फिलहाल यह मामला निर्वाचन आयोग और विदेश मंत्रालय के बीच लंबित है.

समीक्षा के लिए कई विषयों को चुना गया
वर्तमान में, प्रवासी भारतीयों को अपने रजिस्ट्रेशन वाले निर्वाचन क्षेत्रों में अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने की छूट हासिल है. सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 और केंद्रीय सूचना आयोग के कामकाज को भी समीक्षा किये जाने वाले विषयों के तौर पर चुना गया है. लोकसभा बुलेटिन में शुक्रवार को कहा गया कि सतर्कता प्रशासन की प्रभावशीलता, केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण और केंद्रीय सतर्कता आयोग की कार्यप्रणाली समिति द्वारा चुने गए कुछ अन्य विषय हैं. इलाकाई भाषाओं में अदालती कार्यवाही और फैसले, अदालत की तौहीन एक्ट के तहत लंबित मामलों और चौबीसों घंटे संचालित की जाने वाली डिजिटल अदालतों के विषय पर भी कमिटी गौर करेगी.

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