कुछ लोग धर्म के नाम पर नफरत फैला रहे हैं; देश की प्रगति के लिए एकता जरूरी : डोभाल
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कुछ लोग धर्म के नाम पर नफरत फैला रहे हैं; देश की प्रगति के लिए एकता जरूरी : डोभाल

National Security Advisor Ajit Doval: राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने ऑल इंडिया सूफी सज्जादानशीं काउंसिल की सर्वधर्मसभा में धर्म के नाम पर फैल रही हिंसा की आलोचना करते हुए इस पर रोक लगाने की मांग की है.

कुछ लोग धर्म के नाम पर नफरत फैला रहे हैं; देश की प्रगति के लिए एकता जरूरी : डोभाल

नई दिल्लीः राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (National Security Advisor) अजीत डोभाल (Ajit Doval) ने शनिवार को एक सर्वधर्म सभा में कहा कि देश में कुछ तत्व ऐसा माहौल बनाने की कोशिश कर रहे हैं, जो भारत की तरक्की में बाधा पैदा कर रहा है. ऐसे तत्व धर्म और विचारधारा के नाम पर मुल्क में कटुता और संघर्ष के हालात पैदा करने पर तुले हुए हैं. डोभाल ने कहा कि यह पूरे देश को प्रभावित कर रहा है और देश के बाहर भी इसका असर फैल रहा है. उन्होंने कहा कि दुनियाभर में संघर्ष का माहौल है, अगर हमें उस माहौल से निपटना है तो मुल्क की एकता को एक साथ बनाए रखना जरूरी है. भारत जिस तरह से तरक्की की राह पर आगे बढ़ रहा है, उससे यहां रहने वाले सभी धर्मों के लोगों को फायदा होगा. अजीत डोभाल ने ये बात दिल्ली के कंस्टीच्यूशनल क्लब में ऑल इंडिया सूफी सज्जादानशीं काउंसिल की सर्वधर्मसभा में कही है. 

कट्टरपंथी संगठनों पर प्रतिबंध की मांग 
एनएसए डोभाल की मौजूदगी में अजमेर दरगाह के हजरत सैयद नसरुद्दीन चिश्ती ने कहा कि देश में जब कोई अप्रिय घटना होती है तो हम उसकी निंदा करते हैं. अब ऐसी घटनाओं के खिलाफ लगाम कसने का समय आ गया है. कट्टरपंथी संगठनों पर सख्ती से लगाम लगाने और उन्हें प्रतिबंधित करने की जरूरत है. चाहे वह कोई भी कट्टरपंथी संगठन हो, उसका किसी से भी संबंध हो, उनके खिलाफ सबूत होने पर उन्हें प्रतिबंधित कर दिया जाना चाहिए. उनका इशारा पीएफआई जैसे संगठनों की तरफ था. 

देश में बढ़ रही है अविश्वास की खाई 
उल्लेखनीय है कि विभिन्न धर्मों के धार्मिक नेताओं द्वारा देश में धार्मिक सद्भाव सुनिश्चित करने के लिए आयोजित इस सम्मेलन में सूफी संतों ने भी हिस्सा लिया. ये पहल ऐसे वक्त में शुरू हुई है, जब देश में निलंबित भाजपा की पूर्व नेता नुपुर शर्मा की पैगंबर पर विवादास्पद टिप्पणी और सूफी बरेलवी मुस्लिम समुदाय के एक वर्ग की चरम प्रतिक्रियाओं के मद्देनजर मुल्क में धार्मिक कलह बढ़ गया है और एक-दूसरे के प्रति अविश्वास का माहौल बढ़ रहा है.

विदेशों में भारत की छवि को पहुंची है चोट 
नुपुर शर्मा की टिप्पणी के खिलाफ पश्चिमी एशियाई मुल्कों के विरोध के बाद नरेंद्र मोदी सरकार ने भाजपा नेता को पार्टी से निलंबित कर दिया था. हालांकि, इसके बावजूद उत्तर प्रदेश, झारखंड और पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों में इसके विरोध में विरोध-प्रदर्शन हुए और कहीं-कहीं हिंसा भी हुई. विवाद ने तब और भीषण रुख अख्तियार कर लिया जब राजस्थान के उदयपुर में एक दर्जी कन्हैया लाल की दो लोगों गर्दन काटकर निर्मम तरीके से हत्या कर दी. दोनों हत्यारे अपने साथियों के साथ एनआईए की हिरासत में हैं. ऐसे ही एक मामले में महाराष्ट्र के अमरावती में उमेश कोल्हे नाम के एक फार्मासिस्ट की चाकू मारकर हत्या कर दी गई. इस मामले में भी एनआईए जांच कर रही है.

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