Rameshwaram Cafe Blast Case Update: रामेश्वरम कैफे विस्फोट मामले को लेकर आज राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) ने आज कोर्ट में चार आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल किया. NIA ने चार्जशीट में कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं. इस IEED हमले में 9 लोग घायल हुए थे, जबकि हॉटल को भारी नुकसान हुआ था.
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Rameshwaram Cafe Blast Case Update: बेंगलुरु के रामेश्वरम कैफे विस्फोट मामले में राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) ने चार आरोपियों के खिलाफ सोमवार, 9 सितंबर को चार्जशीट दाखिल किया. केंद्रीय एजेंसी ने कहा कि आरोपी बेंगलुरु में भारतीय जनता पार्टी (BJP) दफ्तर पर हुए "नाकाम आईईडी हमले" में शामिल थे. NIA ने कहा कि दो प्रमुख आरोपी प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन ‘इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया’ (ISIS) के लोग थे.
इन आरोपियों ने अपनी नापाक गतिविधियों को अंजाम देने के लिए धोखाधड़ी से "भारतीय सिम कार्ड और भारतीय बैंक खातों" को प्राप्त किया. इसके अलावा "डार्क वेब (जो सिर्फ ब्राउज़र के जरिए से उपलब्ध है) से डाउनलोड किए गए अलग- अलग भारतीय और बांग्लादेशी पहचान दस्तावेजों का इस्तेमाल किया.
बेंगलुरु की एक कोर्ट के सामने दाखिल चार्जशीट में एनआईए ने अब्दुल मतीन अहमद ताहा, माज मुनीर अहमद, मुसाविर हुसैन शाजिब और मुजम्मिल शरीफ को मुल्जिम बनाया है. एजेंसी ने एक बयान में कहा कि सभी आरोपियों को पहले अरेस्ट कर लिया गया था और मौजूदा वक्त में वे मामले में ज्यूडिशियल कस्टडी में हैं. बयान में कहा गया है कि ताहा और शाजिब को उनके कमांडर के द्वारा क्रिप्टोकरेंसी के जरिए से आर्थिक मदद किया था, जिसे ताहा ने अलग-अलग जरिए से नकदी में बदल लिया.
अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा प्रोग्राम के दिन किया था विस्फोट
NIA की जांच में पता चला कि मुल्जिमों ने इस रकम का इस्तेमाल बेंगलुरु में हिंसा की अलग-अलग घटनाओं को अंजाम देने के लिए किया. NIA ने अपने बयान में कहा, "इनमें 22 जनवरी को अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा प्रोग्राम के दिन, बेंगलुरु के मल्लेश्वरम में मौजूद प्रदेश BJP दफ्तर पर विफल IEED हमला भी शामिल है, जिसके बाद दो प्रमुख मुल्जिमों ने रामेश्वरम कैफे विस्फोट की साजिश रची."
जानिए क्या है पूरा मामला?
इसी साल 1 मार्च को बेंगलुरु के ब्रुकफील्ड के रामेश्वरम कैफे में IEED विस्फोट हुआ था, जिसमें नौ लोग घायल हो गए थे. इस हमले में होटल को भारी नुकसान पहुंचा था.इस मामले में NIA ने 3 मार्च को की जांच शुरू की और अलग-अलग राज्य पुलिस बलों और अन्य एजेंसियों के साथ कोऑर्डिनेशन कर जांच की. इसमें पता चला कि शाजिब ने ही हॉटल में बम रखा था. NIA के बयान में कहा गया है कि शाजिब और ताहा अल-हिंद मॉड्यूल का भंडाफोड़ होने के बाद 2020 से फरार चल रहे थे
एनआईए ने इस मामल में 42 दिन बाद पश्चिम बंगाल से उन्हें गिरफ्तार किया. जांच एजेंसी ने कहा कि ये दोनों आरोपी कर्नाटक के शिवमोगा जिले के रहने वाले हैं और ये दोनों ISIS के कट्टरपंथी थे. वे भोले-भाले मुस्लिम नौजवानों को ISIS की विचारधारा से जोड़ने में एक्टिव रूप से शामिल थे. माज मुनीर अहमद और मुजम्मिल शरीफ ऐसे युवाओं में से हैं ,जिन्हें इन दोनों अपने साथ जोड़ा, इन दोनों का भी आरोप पत्र में है.