New Delhi: साइबर सुरक्षा को लेकर अमित शाह हुए गंभीर, कही ये महत्वपूर्ण बात
Advertisement
trendingNow,recommendedStories0/zeesalaam/zeesalaam1777846

New Delhi: साइबर सुरक्षा को लेकर अमित शाह हुए गंभीर, कही ये महत्वपूर्ण बात

New Delhi: देश में साइबर सुरक्षा एक गंभीर समस्या है. इसी समस्या को लेकर गृहमंत्री अमित शाह बेहद गंभीर है. उन्होंने साइबर सुरक्षा को लेकर कुछ महत्वपूर्ण बात की है. 

New Delhi: साइबर सुरक्षा को लेकर अमित शाह हुए गंभीर, कही ये महत्वपूर्ण बात

New Delhi: गुरूवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि "कुछ असामाजिक तत्व और वैश्विक ताकतें नागरिकों और सरकारों को आर्थिक और सामाजिक नुकसान पहुंचाने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग कर रहे हैं और डिजिटल अपराधों का मुकाबला करने के लिए सभी देशों के कानूनों में एकरूपता और साइबर खतरों से निपटने के लिए संयुक्त मोर्चा की आवश्यकता है."

जानकारी के लिए बता दें कि अमित शाह ने डिजिटल मुद्राओं के उपयोग के माध्यम से वित्तीय अनियमितताओं को रोकने के लिए राष्ट्रों के बीच एक समर्पित आम चैनल का आह्वान किया है.

गुरूग्राम में एनएफटी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जी20 सम्मेलन को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा कि "आज हम एक बड़े वैश्विक डिजिटल गाँव में रहते हैं. यद्यपि प्रौद्योगिकी मनुष्यों, समुदायों और देशों को करीब लाने में एक सकारात्मक विकास है. लेकिन कुछ असामाजिक तत्व और वैश्विक ताकतें भी हैं जो प्रौद्योगिकी का उपयोग नागरिकों और सरकारों को आर्थिक और सामाजिक नुकसान पहुंचाने के लिए कर रहे हैं." 

आपको बता दें कि जी20 देशों ने नौ विशेष आमंत्रित देशों को इंटरपोल जैसे अंतरराष्ट्रीय निकायों और भारत और दुनिया भर से प्रौद्योगिकी नेताओं और डोमेन विशेषज्ञों के 900 से अधिक प्रतिभागी सम्मेलन में भाग ले रहे हैं.

यह कहते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि मेटावर्स आतंकवादी संगठनों के लिए नए अवसर पैदा कर सकता है. मुख्य रूप से प्रचार, भर्ती और प्रशिक्षण के लिए, शाह ने कहा कि "इससे आतंकवादी संगठनों के लिए कमजोर लोगों को चुनना और लक्षित करना और उनकी कमजोरियों के अनुसार सामग्री तैयार करना आसान हो जाएगा."

आगे उन्होंने कहा कि "साइबर अपराधी रैंसमवेयर हमलों, महत्वपूर्ण व्यक्तिगत डेटा की बिक्री, ऑनलाइन उत्पीड़न और बाल शोषण से लेकर फर्जी समाचार और 'टूलकिट' के साथ गलत सूचना अभियानों तक की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं. साथ ही महत्वपूर्ण सूचना और वित्तीय प्रणालियों को रणनीतिक रूप से लक्षित करने की प्रवृत्ति भी बढ़ रही है. ऐसी गतिविधियाँ राष्ट्रीय चिंता का विषय हैं. क्योंकि उनकी गतिविधियों का राष्ट्रीय सुरक्षा, कानून व्यवस्था और अर्थव्यवस्था पर सीधा प्रभाव पड़ता है. अगर ऐसे अपराधों और अपराधियों को रोकना है तो हमें पारंपरिक भौगोलिक सीमाओं से ऊपर उठकर सोचना भी होगा और कार्य भी करना होगा.''

हालांकि गृह मंत्री ने किसी देश का नाम नहीं लिया. लेकिन हाल के दिनों में भारत के प्रमुख प्रतिष्ठानों पर चीन समर्थित हैकरों द्वारा साइबर हमलों की घटनाएं हुई हैं. जिनमें पिछले साल एम्स सर्वर की हैकिंग भी शामिल है.

इस बात पर जोर देते हुए कि कोई भी देश या संगठन अकेले साइबर खतरों से नहीं लड़ सकता. शाह ने कहा कि "इसके लिए एक संयुक्त मोर्चे की आवश्यकता है. हमारा लक्ष्य एक 'साइबर सक्सेस वर्ल्ड' बनाना है. न कि 'साइबर फेलियर वर्ल्ड' के साथ मिलकर हम सभी के लिए सुरक्षित और समृद्ध डिजिटल भविष्य सुनिश्चित करते हुए इन प्रौद्योगिकियों की क्षमता का उपयोग कर सकते हैं. आइए हम सहयोग करने, अपने विचार साझा करने और अंतरराष्ट्रीय साझेदारी बनाने के इस अवसर का लाभ उठाएं.''

डिजिटल मुद्रा से जुड़े साइबर अपराध में वृद्धि पर शाह ने कहा कि "ऐसी वित्तीय अनियमितताओं को रोकने के लिए राष्ट्रों के बीच एक 'समर्पित आम चैनल' की आवश्यकता है."

आतंकवादियों द्वारा प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने पर जो कानून प्रवर्तन एजेंसियों के लिए एक चुनौती बन रही है. गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि "हमारी सुरक्षा चुनौतियों का 'डायनामाइट से मेटावर्स' और 'हवाला से क्रिप्टो मुद्रा' में परिवर्तन दुनिया भर के देशों के लिए चिंता का विषय है. आतंकवादी हिंसा फैलाने, युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और वित्तीय संसाधन जुटाने के नए तरीके ढूंढ रहे हैं. आतंकवादियों द्वारा वित्तीय लेनदेन के लिए आभासी संपत्ति के रूप में नए तरीकों का उपयोग किया जा रहा है."

आगे अमित शाह ने कहा कि ''और हम सभी को मिलकर इसके खिलाफ एक साझा रणनीति बनानी होगी.''

गृहमंत्री ने विश्व बैंक के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि "साइबर हमलों से 2019-2023 तक दुनिया को 5.2 ट्रिलियन डॉलर का नुकसान हो सकता है. डिजिटल अपराधों का मुकाबला करने के लिए बनाए गए सभी देशों के कानूनों में कुछ एकरूपता लाने के प्रयास होने चाहिए. साइबर अपराधों की सीमाहीन प्रकृति को ध्यान में रखते हुए. हमें देशों के विभिन्न कानूनों के तहत एक प्रतिक्रिया तंत्र स्थापित करना चाहिए. इस क्षेत्र में वैश्विक सहयोग से साइबर सुरक्षा मानकों, सर्वोत्तम प्रथाओं और नियमों में सामंजस्य स्थापित करने में मदद मिलेगी."

उन्होंने कहा कि "देश के महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे को सुरक्षित करने के लिए उद्योग और शिक्षा जगत के सक्रिय समर्थन के साथ सदस्य देशों के बीच वास्तविक समय में साइबर खतरे की खुफिया जानकारी साझा करना समय की मांग है."

उन्होंने आगे कहा कि साइबर घटनाओं पर रिपोर्टिंग और कार्रवाई में सभी देशों की साइबर एजेंसियों के बीच अधिक समन्वय होना चाहिए. शांतिपूर्ण, सुरक्षित, निवारक और खुले' सूचना और संचार प्रौद्योगिकी वातावरण के निर्माण के संयुक्त प्रयासों के माध्यम से सीमा पार साइबर अपराधों की जांच में सहयोग आज बेहद जरूरी है."

Zee Salaam

Trending news